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बीकानेर,आज वात्सल्य ट्रस्ट के सौजन्य से जीवनरक्षा न्यूरो स्पाइन एंड ट्रॉमा सेंटर प्रांगण में अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस मनाया गया जिसमे हॉस्पिटल के समस्त नर्सिंग स्टाफ को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए केक काटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में डॉ. कृष्ण पुनिया ने बताया कि विश्व में कोरोना महामारी के दौर में जब करोड़ों की तादाद में लोग अस्पतालों में थे, तब डॉक्टर्स के साथ नर्सों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की जिंदगियां बचाईं. हेल्थकेयर इंडस्ट्री में दशकों से नर्सों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. लगातार नर्सिंग प्रोफेशन बेहतर हो रहा है और इसका महत्व भी दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नर्सों के योगदान को याद करने और उन्हें सम्मान देने के लिए हर साल 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है जिसकी इस साल की थीम ‘हमारी नर्सें, हमारा भविष्य’ है और इस सही भी है की डॉक्टर्स के जजने के बाद मरीज का ख्याल रखने वाले स्टाफ में नर्सेज की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। यह खास दिन नर्सिंग प्रोफेशन को बढ़ावा देने का भी काम करता है. यह दिन मॉडर्न नर्सिंग की जन्मदाता फ्लोरेंस नाइटिंगेल के सम्मान में उनकी जयंती पर सेलिब्रेट किया जाता है. नर्स दिवस हमारे समाज और हेल्थकेयर इंडस्ट्री में नर्सों के महत्वूर्ण रोल को याद करने के लिए मनाया जाता है. यह दिन दुनियाभर में नर्सों को सम्मान देने के महत्व पर जोर देता है और लोगों को इन बहादुर व मेहनती पेशेवरों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है. जब भी विश्व में महामारी का दौर आता है, तब नर्स फ्रंटलाइन में खड़े होकर लोगों की जिंदगियां बचाने की कोशिश करती हैं। कोविड के कठिन दौर में भी ऐसा ही हुआ। कार्यक्रम में डॉ. भावना दास, डॉ. निशांत वर्मा, डॉ. सुचिता बोथरा, डॉ. रश्मि जैन के आलावा ने अपने विचार रखे और सभी नर्सेज को शुभकामनाये दी। कार्यक्रम में वाशिम चौहान, सुरेंद्र सिंह, मूल चंद, सत्यप्रकाश, राम किशोर, सुरजा राम, भीखमचंद, अनीता मीणा, सुनीता, सुमन, कीर्ति, विशाल व्यास, आदि उपस्थित रहे। वात्सल्य ट्रस्ट के समन्वयक सुनील शर्मा ने बताया कि इस बार की थीम ‘हमारी नर्सें, हमारा भविष्य’ यह थीम वर्तमान समय को देखते हुए बिल्कुल सटीक बैठती है। आने वाले समय में नर्सों की भूमिका और भी ज्यादा महत्वपूर्ण होनी है।

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