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बीकानेर, मार्च से लेकर अब तक जिले में जन्मी 6 हजार 758 बेटियों का जन्मोत्सव मंगलवार को मनाया गया। जिले के 1 हजार 502 आंगनबाड़ी केन्द्रों के अलावा उपखण्ड एवं जिला मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रमों में बेटी जन्म पर खुशियां मनाई गईं और इन बेटियों के परिजनों को सहजन फली का पौधा, जिला कलक्टर का बधाई संदेश और घर की नाम पट्टिका भेंट की गई।
जिले में बेटियों को आगे बढ़ने के लिए सकारात्मक माहौल उपलब्ध करवाने के लिए चल रहे शक्ति अभियान के ‘एक पौधा सुपोषित बेटी के नाम’ के तहत आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल थे। उन्होंने कहा कि जिले में जन्म के समय घटता लिंगानुपात और किशोरियों में खून की कमी चिंताजनक है। तीन वर्ष पूर्व तक बीकानेर में एक हजार बेटों पर 983 बेटियां जन्म लेती थी, जो कि इस वर्ष मार्च तक घटकर 955 रह गया। इसी प्रकार नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे के मुताबिक जिले की 59.4 प्रतिशत महिलाएं और 46.4 प्रतिशत गर्भवतियां एनिमिक पाई गई हैं। इसके मद्देनजर बेटी जन्म को प्रोत्साहन और इन्हें आगे बढ़ने के लिए बेहतर वातावरण मिले, इसके मद्देनजर यह जिले में शक्ति अभियान चलाया जा रहा है।
जिला कलक्टर ने कहा कि बेटे और बेटी में किसी प्रकार भेद नहीं हो तथा दोनों को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले, जिससे क्षेत्र की बेटियां भी अच्छा मुकाम हासिल कर सकें। बेटियां सुपोषित और स्वस्थ हों, अभियान के तहत ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि शक्ति अभियान के तहत स्कूलों में आईएम शक्ति काॅर्नर एवं वाॅल बनाए जा रहे हैं। शक्ति ई-मैगजीन का प्रकाशन किया जा रहा है। स्कूलों और काॅलेजों में गुड टच-बैड टच तथा माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के बारे में बताया जा रहा है। इसी श्रृंखला में किशोरियों को एनिमिया मुक्त बनाने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।
*माताओं में दिखी आत्मविश्वास की झलक*
कार्यक्रम के दौरान नवजात बेटियों की माताओं में आत्मविश्वास देखने को मिला। बेटी जन्मोत्सव का यह क्षण उनके लिए गर्व की अनुभूति करवाने वाला था। जिला कलक्टर ने बेटियों के पास पहुंचकर सहजन फली का पौधा, बधाई संदेश और नाम पट्टिका सौंपी। ‘म्हारे नाम सूं म्हारो घर’ लिखी हुई पट्टिका पर बेटी का नाम लिखकर इसे अपने-अपने घर के बाहर लगाने का आह्वान किया, जिससे बेटियों के प्रति सम्मान की भावना बढ़े।
*पोषक तत्वों से भरपूर है सहजन फली का पौधा*
जिला कलक्टर ने बताया कि सहजन फली का पौधा पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, कैल्सियम, मैग्नीशियम, विटमिन ए, बी काॅम्पलेक्स और सी प्रचुर मात्रा में है। सहफन फली में दूध की तुलना में चार गुना कैल्सियम और दो गुना प्रोटीन पाया जाता है। वात, उदरशूल, नेत्र रोग, मोच और गठिया रोग के निदान में उपयोगी है। इसका निरंतर उपयोग कुपोषण को दूर करने वाला होता है। जिला कलक्टर ने प्रत्येक घर में कम से कम चार-चार पौधे लगाने का आह्वान किया।
*इन्होंने रखे विचार*
उप वन संरक्षक रंगास्वामी ई. ने बताया कि पूरे वर्ष जन्म लेने वाली बेटियों की संख्या के आधार पर पर्याप्त मात्रा में सहजन फली के पौधे तैयार करवाए गए हैं। भविष्य में आवश्यकता के अनुसार इन पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। महिला अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक मेघा रतन ने स्वागत उद्बोधन दिया और शक्ति अभियान के तहत अब तक किए गए कार्यों की जानकारी दी।
इस दौरान जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के., महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बीएल मीणा अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया।

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