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बीकानेर। भौतिकवादी इस युग में जहां लोग अपने जन्मदिन पर दिखावा कर अक्सर जन्मदिन के मौके पर लोग फूल-माला या पुष्प गुच्छ देकर बधाई देते हैं और हजारों रूपये के केक काटते है। लेकिन बीकानेर में कोचर परिवार में 35 वर्षों के बाद घर में जन्मी अपनी पुत्री लब्धि कोचर अनूठा बर्थडे मनाते है। यह परिवार 7 वर्षों से लब्धि के जन्मदिन पर जरूरतमंदों को सामग्री का वितरण करता है,ताकि जरूरतमंदों की दिक्कतें दूर हों। परिवार फिजूलखर्ची नहीं करता है। इस परिवार के द्वारा की गए नवाचार की शहर में चारों ओर प्रशंसा होती है। लब्धि के माता-पिता का कहना है कि जन्मदिन सिर्फ अपने लिए नहीं,दूसरों की जिन्दगी में रोशनी लाने का माध्यम भी हो सकता है। यहीं सोच लेकर प्रत्येक जन्मदिन पर कुछ अनूठा करने का प्रयास करते है। जिससे किसी के चेहरे पर खुशी ला सकें।

बेटी के पिता ने दी जानकारी
लब्धि कोचर के पिता युवा सामाजिक कार्यकर्ता सुरेन्द्र कोचर ने बताया कि मेरे परिवार में जन्मदिन हम अनोखे रूप से मनाता हैं। जरूरतमंदों के साथ उनको लगने वाली सामग्री वितरण कर मदद करने का प्रयास करते हैं। इस बार मेरी बेटी लब्धि के जन्मदिन पर पीबीएम अस्पताल में चार व्हील चेयर और 6 पंखे भेंट किये। पिता सुरेन्द्र कोचर ने पीबीएम अधीक्षक डॉ सुरेन्द्र वर्मा,डॉ परमिन्द्र सिरोही व डॉ गौरीशंकर जोशी को यह सामान भेंट किया।

पहले जन्मदिन से कर रहे है सामग्री भेंट
कोचर ने बताया कि लब्धि के पहले जन्मदिन से ही सामाजिक सरोकार के कार्य कर जन्मोत्सव को यादगार बनाने का संकल्प लिया। जिसके चलते पहले जन्मदिन पर चारों ही धर्म के धर्मगुरू,प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और राजनीतिक लोग कार्यक्रम में शरीक हुए। वहीं पीबीएमअस्पताल में तीन व्हील चेयर व तीन ट्राई साइकिल भेंट की गई। वहीं एक स्कूल के 21 बच्चों को ड्रेस प्रदान की गई तथा इन्ही बच्चों की पाठ्यपुस्तक भेंट की। वहीं दूसरे जन्मदिन पर साधारण परिवार की दो लड़कियों के विवाह पर सामग्री भेंट की गई। तीसरे जन्मदिवस पर आंगनबाड़ी केन्द्र में लंच बॉक्स व बोतल वितरित किये गये। तो चौथे जन्मोत्सव पर बजाज स्कूल में माइक सेट और एक खाजूवाला स्कूल में इन्वेटर प्रदान किया। पांचवें जन्मदिन में स्कूल में प्रिंटर व कूलर भेंट किया। छठे जन्मदिवस पर पिंजरा प्रोल में गौवंश के लिये आहार व पाळसियों का वितरण किया। सातवें जन्मदिन में फिर से स्कूल में कंबलों का वितरण कर सामाजिक दायित्व का निर्वहन किया। इस प्रकार एक बेटी के जन्मदिन को अनोखे रूप से मनाकर उन लोगों को कोचर दंपति यह संदेश देना चाहते है जो कोख में ही बेटियों को मार देते है। कोचर दंपति का यह कार्य प्रेरणादायी साबित होगा।

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