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बीकानेर। राजस्थान में मेडिकल कॉलेजों की रैंकिंग व पढ़ाई के स्तर को और सुधारने के लिए सरकार ने नया कदम उठाया है। इस तरह का यह कदम पहली बार उठाया गया है जब कॉलेजों के शिक्षण के साथ-साथ व्यवहारिक ढांचे को मबजूती देने की कोशिश की जाएगी। कॉलेजों में चिकित्सा के साथ-साथ रिसर्च एक्टिविटी को आगे बढ़ाया जा सके। इसके लिए मंगलवार को जयपुर में को- ऑर्डिनेशन कमेटी एकेडमिक एंड रिसर्च सेंटर इन मेडिकल एज्युकेशन (सीसीएआरएमई) की मीटिंग हुई। अध्यक्षता एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सुधीर भंडारी ने की।

हर स्तर पर होंगे प्रयास

मीटिंग में प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों को बेहतर बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास जाने पर मंथन किया गया। जिसमें तय हुआ कि प्रदेश के कॉलेजों में एम्स, पीजीआई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, एसपीजीआई जेआईपीएमईआर पांडीचेरी से विशेष चिकित्सकों को बुलाकर प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। सबसे बड़ी बात है कि यूएसए से भी विशेषज्ञ प्रशिक्षण देने आएंगे। साथ ही प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सक भी दूसरे राज्यों में जाकर प्रशिक्षण देंगे। मीटिंग में जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, उदयपुर, कोटा, सीकर, बाड़मेर, भरतपुर, चूरू, भीलवाड़ा आदि कॉलेजों के प्रतिनिधि शामिल हुए। एसपी मेडिकल कॉलेज बीकानेर से अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. एलए गौरी मीटिंग में शामिल हुए

सरकार ने मांगे प्रस्ताव

कमेटी के सदस्यों का मानना है कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेज अपने यहां कोई नया विभाग खोलना चाहता है तो उसका विवरण बनाकर भेजे। नए विभाग को जरूरत क्यों है और इसके बनने से आमजन को क्या फायदा होगा। सरकार अपने स्तर पर क्या काम कर सकेगी। यह विभाग किस तरह और क्या-क्या काम करेगा

यूजी-पीजी सिलेब्स के बारे में मांगी सलाह

रिसर्च कमेटी की बैठक में सभी मेडिकल कॉलेजों से यूजी-पीजी व सुपर स्पेशियलिटी सिलेब्स के बारे में सलाह मांगी गई है। इन विषयों के सिलेब्स के साथ मेडिकल छात्रों को नए-नए अनुभव व तथ्यात्मक जानकारी दी जाएगी। मेडिकल छात्रों की पढ़ाई के स्टेंडर्ड व काॅलेज के स्टैंडर्ड को मेनटेन रखने की जिम्मेदारी तय होगी।

इनका कहना है…

.मेडिकल कॉलेजों की रैंकिंग के सरकार को-ऑर्डिनेशन कमेटी फोर एकेडमिक एंड रिसर्च इन मेडिकल एज्युकेशन की बैठक बुलाई, जिसमें रैंकिंग किस तरह सुधारी जा सकती है पर विचार-विमर्श किया गया। सुझाव दिए गए हैं। कई महत्त्वपूर्ण मुद्दे जैसे यूजी-पीजी व सुपर स्पेशयलिटी के सिलेब्स, कॉलेजों की वेबसाइट, पढ़ाई के स्टैंडर्ड को मेंटनेट रखने संबंधी सुझाव मांगे गए हैं। नए विभाग खोलने का विवरण मांगा है।

-डॉ. एलए गौरी, अतिरिक्त प्राचार्य एसपी मेडिकल कॉलेज

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