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बीकानेर विधानसभा सत्र की गहमागहमी के बीच उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ गुरुवार को बीकानेर में थे।राठौड़ ने रीट, पटवार परीक्षा, बेरोजगारी, राजनीतिक नियुक्तियां, सरकार की वित्तीय स्थिती, जैसे तमाम मुद्दों पर चर्चा की।

ऐसा कैसे सम्भव है कि चोर एक कीमती वस्तु की चोरी करे, दूसरी को छोड़ दे। सीधी सी बात है जब परीक्षा कंट्रोल रूम की अलमारी में रीट लेवल दो का पेपर निकाला गया तो भला चुराने वाले ने रीट लेवल वन का पेपर कैसे छोड़ दिया होगा। रीट लेवल दो की परीक्षा रद्द कर सरकार, पूरे मामले को दबाने की नीयत से काम कर रही है। सीबीआइ जांच से ही बेरोजगारों को न्याय मिलेगा।

यह तो व्यापम से कई गुणा बड़ा। बात सिर्फ रीट की नहीं है। आज पूरे राजस्थान में एक ऑगेनाइज्ड गिरोह है, जो परीक्षाओं में पैसे लेकर पास करवा रहा है। बाकायदा ये लोग मोटी फीस वसूल कर पास करने की गारंटी ले रहे हैं। परीक्षाओं के नाम पर तमाशा हो रहा है। परीक्षा माफिया चांदी कूट रहा है। सरकार की शह मिलने से ये लोग आसमान छूती इमारतें खड़ी कर रहे हैं। कलाम इंस्टट्यूट का मसला मैंने विधानसभा में उठाया क्या हुआ? था। जिसमें सारी की सारी फेकल्टी सरकारी नौकरियों में है। राज्य में प्रतिभाओं को जिस तरह कल्ल किया जा रहा है। ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ। हम चाहते हैं कि प्रतियोगी परीक्षाओं की पवित्रता बनी रहे। ताकि योग्य व्यक्ति को उसका हक मिल सके।

जब से गहलोत की यह सरकार आई है, परीक्षाओं के नाम पर चीटिंग हो रही है। बात चाहे आरपीएससी की हो, किसी विभाग जनकल्याणकारी योजनाएं भी राज्य या फिर विश्वविद्यालय में भर्ती की हो । पैसे लेकर नियुक्तियों का घिनौना खेल रहा है। ऐसे में विपक्ष एकजुट होकर सड़क से सदन तक

वित्तीय कुप्रबंधन की तो इस सरकार ने मिसाल कायम की है। आपको जानकर ताज्जुब होगा। राज्य का कुल कर राजस्व का 115 प्रतिशत वेतन-भत्तों, पेंशन में और कर्ज के ब्याज पर खर्च हो रहा है। विकास कहां से होगा। केन्द्रीय करों की हिस्सेदारी के दम पर सरकार चल रही है। मैचिंग ग्रांट नहीं मिलने से केन्द्र की जन कल्याणकारी योजना भी राज्य में आकर दम तोड़ रही है।

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