बीकानेर,आज दिनांक 10.12.2021 के वक्त 06.50 पीएम पर जरिये डाक उक्त इस्तगासा अन्तर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत श्रीमान् एसीजेएम नम्बर 02 बीकानेर से बदीमजमून बअदालत अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सं. 02, बीकानेर सुरजमल पुत्र स्व. श्री किशनलाल जाति भाटी (धोबी) निवासी धानुका भवन के सामने रानी बाजार बीकानेर मो.न. 8764603906 वनाम 1 बाबूलाल पुत्र स्व. श्री किशनलाल जाति भाटी (बी) निवासी रनर जनरल स्टोर के पास नागणेजी मन्दिर, न Marte hander f 0203007330 2महेश पुत्र श्री भानुलानजाति गाडी (धोबी) निवासी श्री. सुदर्शन गणेमके पास बीकानेर मोबाईल नं. 9413350571 3. निर्मल भाटी पुत्र बाबूलाल जाति भाटी (धोबी) निवासी ए 62 करणीनगर बासु जनरल स्टोर के पास नागणेचेजी मंदिर पवनपुरी बीकानेर 9667958512 4अमित पुत्र बाबूलाल जाति भाटी (धोबी) निवासी ए 62 करणीनगर वासु जनरल स्टोर के पास नागणेचेजी मंदिर पवनपुरी बीकानेर97850729705 श्रीमति कुसुम वारिया पत्रि श्री राजेन्द्र जाति वारिया (धोबी) पुत्री श्री बाबूलाल जाति भाटी निवासिनी आदर्श विद्या मन्दिर स्कूल के सामने, लाडनू, जिला नागौर, मोबाईल नं. 01200441006. श्रीमति कमला पलि स्व. श्री शंकरलाल जाति भाटी (धोबी) निवासिनी धोवियो का मोहल्ला सोनगिरी कुए के पास, बीकानेर, मोबाईल नं.-80751756007. राजेश पाटी पुत्र श्री शंकरलाल जाति भाटी (धोबी) निवासी योनियों का मोहल्ला सोनगिरी कुए के पास, बीकानेर, मोबाईल नं. 7878635731 8. राकेश भाटी पुत्र श्री शंकरलाल जाति भाटी, (धोबी) निवासी धोवियों का मोहल्ला सोनगिरी कुए के पास, बीकानेर, मोबाईल नं. 80751756009. श्रीमति राधा पत्नी श्री केदार जाति शिसोदिया (गोबी) पुत्री स्व. श्री शंकरलाल भाटी (धोवी) निवासिनी स्कूल नं. 3 के सामने, आचूणा बास, रतनगढ़, जिला गुरु मोबाईल न. 0057601010 10 श्रीमति मधु बारिया पत्रि श्री भागीरथ जाति बारिया (धोबी) पुत्री स्व. श्री शंकरलाल भाटी (धोबी) निवासिनी कोठारी अस्पताल के पीछे मधाराम कॉलोनी के पास, बीकानेर, मोबाईल नं. 7878514438- अप्रार्थीगण प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 156 (3), सी. आर.पी.सी. जुर्म अन्तर्गत धारा 420, 467, 468, 471, 474 व 120 (b), भारतीय दण्ड संहिता श्रीमान जी. प्रार्थी निम्नलिखित तथ्य निवेदन करता है कि यह कि प्रार्थी सूरजमल भाटी (धोबी) की एक स्वअर्जित अचल सम्पत्ति 1. मकान वाके धानुका भवन के सामने रानी बाजार, इण्डस्ट्रियल एरिया, बीकानेर है, जिसकी कुल तादादी 3541 दरगज (2 x 2) है,
I.I.F.-I / एकीकृत जांच फार्म
उक्त मकान प्रार्थी ने बरूवे रजिस्टर्ड बयनामा दिनांक 29.06.1968 खरीद किया हुआ है, प्रार्थी अपने परिवार सहित उक्त मकान में रिहायश करता चला आ रहा है, प्रार्थी उक्त मकान का रजिस्टर्ड मालिक व काबिज है। 2 यह कि प्रार्थी रेल्वे विभाग में सरकारी नौकरी में कार्यरत था, जिसमें प्रार्थी के बीकानेर से बाहर भी स्थानान्तरण होते रहते थे ऐसी सूरत में प्रार्थी अपने उपरोक्त मिल्कियती व मकबूजा मकान की व अपने परिवार की देखरेख के लिए अपने पिताजी व भाईयों आदि को कह देता था, जो प्रार्थी की अनुपस्थिति में मकान व परिवार की देखरेख कर लिया करते थे तथा प्रार्थी के मकान का एक हिस्सा किराये पर दिया हुआ था, जिसकी भी देखरेख व किराया आदि किरायेदार से लेकर प्रार्थी को दे दिया करते थे। 3. यह कि प्रार्थी के पिता के जीवनकाल से ही प्रार्थी के सगे भाई शकरलाल भाटी (अप्रार्थी स.6 ता 10 के मुरिस) व बाबूलाल भाटी अप्रार्थी सं. १ की प्रार्थी के उक्त मिल्कियती व मकबूजा अचल सम्पत्ति मकान पर बुरी दृष्टि थी. बाबूलाल भाटी अप्रार्थी सं. 1, ए-64, करणीनगर, पवनपुरी, बीकानेर में व शंकरलाल भाटी (अप्रार्थी सं. 6 ता 10 के मुरिस) अपने परिवार सहित जगमन कुआ, घोपियों की गली, सोनगिरी कुए के पास, बीकानेर, जो प्रार्थी व अप्रार्थीगण का संयुक्त मिल्कियती है, में रिहायश करता था, शंकरलाल भाटी का स्वर्गवास दिनांक 17.11.2008 को हो चुका है, उक्त शंकरलाल भाटी व बाबूलाल भाटी अप्रार्थी सं. 1 व प्रार्थी के पिता किशनलाल भाटी, प्रार्थी की उक्त जायदाद हड़पने के लिए साजिश करने लग गए थे तथा प्राथी पर दवाव बनाते कि यह जायदाद हमें सुपुर्द कर दो, नहीं तो हम इस पर नाजायज कब्जा कर लेंगे बाबूलाल भाटी अप्रार्थी सं. 1 द्वारा प्रार्थी के उपरोक्त मकान के असल कागजात भी प्रार्थी से छीन लिये गए. जो बाबूलाल भाटी अप्रार्थी सं. 1 के कब्जे में है। 4 यह कि अगस्त माह 2021 में बाबूलाल भाटी अप्रार्थी सं. 1 व शंकरलाल भाटी की पति कमला अप्रार्थी सं 6 व उसके दोनों पुत्र राजेश भाटी अप्रार्थी सं. 7 व राकेश भाटी अप्रार्थी सं. 8 प्रार्थी के उक्त मकान पर आये और कहा कि ये मकान खाली कर दो. यह मकान हमारा है, किशनलाल जी ने लिखित पारिवारिक समझौता दिनांक 12.07.1997 के जरिये उक्त मकान में हिस्सा हमारे नाम कर दिया है, जिस पर प्रार्थी ने उनको कहा कि ये मकान मेरा खुद का खरीदशुदा है, पिताजी किशनलाल उक्त मकान के लिए पारिवारिक समझौता करने के लिए अधिकृत नहीं है, जिस पर प्रार्थी ने बाबूलाल अप्रार्थी सं. 1 से लिखित पारिवारिक समझौता दिखाने की बात कही तब बाबूलाल भाटी अप्रार्थी सं. 1 ने पारिवारिक समझौता दिखाने से इन्कार कर दिया और प्रार्थी को धमकी दी कि ये मकान खाली नहीं किया तो तुझे और तेरे बेटों को झूठे मुकदमे में फंसा देंगे, जिस पर बाबूलाल भाटी अप्रार्थी सं. 1 के द्वारा प्रार्थी व उसके पुत्रों के विरुद्ध पुलिस थाना कोटगेट में एक झूठी प्रथमसूचना रिपोर्ट नं. 223/2021 दिनांक 23.08.2021 जुर्म अन्तर्गत धारा 457, 380. आई.पी.सी. में दर्ज कराई गई. उक्त एफ.आई. आर. कूटरचित लिखित पारिवारिक समझौता दिनांक 12.07. 1997 के आधार पर बाबूलाल भाटी अप्रार्थी सं. 1 ने अपने आपको उक्त मकान के एक हिस्से का मालिक बताते हुए दर्ज करवाई। उक्त मुकदमे की जांच के दौरान प्रार्थी के द्वारा उक्त पारिवारिक समझौता की नकल मांगी गई, तो वह देने से इन्कार हो गया। 5 यह कि प्रार्थी के द्वारा न्यायालय सिविल न्यायधीश बीकानेर में एक सिविल बाद बाबूलाल भाटी व उसके बेटे-बेटियों व मृतक शंकरलाल के वारिसान (अप्रार्थीगण) के विरुद्ध पेश किया गया, जिस पर बाबूलाल भाटी द्वारा दिनांक 12.11.2021 को उक्त सिविल बाद के साथ प्रार्थना पत्र अस्थाई निषेधाज्ञा के जबाब में उक्त लिखित पारिवारिक समझौता की फोटोप्रति पेश की, जिसको देखने से प्रार्थी को उक्त पारिवारिक समझौते का ज्ञान हुआ, जो असल व नकल बाबूलाल भाटी अप्रार्थी सं. 1 वगैरह के पास है जिनसे तलब करवाये जाये। 6. यह कि प्रार्थी के द्वारा दिनांक 12.07.1997 को किसी भी प्रकार के लिखित पारिवारिक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए ना ही उसका निष्पादन किया गया, उक्त पारिवारिक समझौते का स्टाम्प 5/- रूपये का मृतक शंकरलाल के द्वारा वास्ते इकरार खरीद होना बताया गया है, उक्त स्टाम्प की खरीद भी संदिग्ध है, उक्त स्टाम्प की खरीद में प्रार्थी के कहीं पर भी हस्ताक्षर नहीं है, प्रार्थी जब उक्त अचल संपत्ति का एकमात्र रजिस्टर्ड मालिक व काबिज है तो प्रार्थी के पिता किशनलाल उक्त पारिवारिक समझौता लिखने का कोई अधिकार नहीं रखता है, उक्त पारिवारिक समझौता प्रार्थी के पिता किशनलाल के द्वारा लिखा गया है व पारिवारिक समझौता में हरिकिसन पुत्र रतनलाल जाति माली निवासी जस्सूसर गेट के बाहर, बीकानेर व उस्मान अली निवासी धोबी तलाई, बीकानेर गवाह बने हुए हैं, प्रार्थी के द्वारा ऐसे किसी भी पारिवारिक समझौता पर हस्ताक्षर नहीं किये गए हैं, जब प्रार्थी अपनी उक्त अचल सम्पत्ति का पारिवारिक समझौता पर बाबूलाल अप्रार्थी में 1 व शंकरलाल (अप्रार्थी सं. 6 ता 10 के मुरिस) के हक में हस्ताक्षर क्यों करेगा, जबकि प्रार्थी उक्त अचल सम्पत्ति का एकमात्र मालिक व काबिज है, उक्त पारिवारिक समझौता नोटेरी पब्लिक, बीकानेर रामस्वरूप बिश्नोई के द्वारा दिनांक 12.07.97 का कचहरी परिसर, बीकानेर का तस्दीकशुदा है, जो संदिग्ध है क्योंकि नोटेरी पब्लिक का दर्ज रजिस्टर नहीं है, उक्त रवारिक समझौता के स्टाम्प की पुश्त पर पेंडर की स्याही की संदिग्ध है, स्टाम्प को देखते ही लगता है कि ये एन्ट्री करके खरीद किया हुआ है, उक्त स्टाम्प खरीद में प्रार्थी सूरजमल का निवास स्थान जगमन कुआ बताया गया है, जबकि प्रार्थी का निवास स्थान धानुका भवन के सामने, सभी बाजार बीकानेर है, उक्त कूटरचित पारिवारिक समझौता में स्टाम्प खरीददार शंकरलाल भाटी व पिता किशनलाल भाटी, पहचानकर्ता भरतसिंह सेंगर एडवोकेट, नोटेरी पब्लिक रामस्वरूप विश्नोई व फोटोप्रति प्रमाणित करने वाला एच. के. पुरोहित सबकी मृत्यु हो चुकी है, बाबूलाल भाटी अप्रार्थी सं. 1 व उसके पुत्र महेश अप्रार्थी सं. 2. निर्मल अप्रार्थी से 3. अमित अप्रार्थी सं4 व पुत्री कुसुम अप्रार्थी सं व मृतक शंकरलाल की पत्रि कमला अप्रार्थी सं. 6. उसके पुत्र राजेश अप्रार्थी सं. 7. राकेश अप्रार्थी सं. 8 व पुत्री राधा अप्रार्थी सं. 9 व मधु बारिया अप्रार्थी
सं. 10 ने आपस में पड़यंत्र करके प्रार्थी के उक्त मकान को हड़पने की नीयत से जानबूझकर तथ्यों का छुपाते हुए धोखे की नीयत से उक्त कूटरचित पारिवारिक समझौता तैयार किया, जबकि प्रार्थी के पिता ने अपने जीवनकाल में कभी भी ऐसे पारिवारिक समझौते का निष्पादन नहीं किया है, ना ही प्रार्थी ने कभी भी ऐसे किसी पारिवारिक समझौते पर हस्ताक्षर किये है. उक्त पारिवारिक समझौता प्रार्थी की उक्त अचल सम्पत्ति को हड़पने की नीयत से कूटरचित व छलपूर्वक तैयार किया गया। है। 7. यहकि प्रार्थी के उक्त मकान को प्रार्थी के पिता किशनलाल व भाई शंकरलाल व बाबूलाल अप्रार्थी सं. 1. प्रार्थी की गैर मौजूदगी में देखरेख करते थे, चूंकि प्रार्थी सरकारी कर्मचारी होने के कारण अमूमन बीकानेर से बाहर रहता था, प्रार्थी ने अपने मकान का एक हिस्सा बृजबिहारीलाल श्रीवास्तव को किराये पर दिया था, जिस पर बेदखली का मुकदमा बिना प्रार्थी की हिदायत से पहले प्रार्थी के पिता किशनलाल ने सन् 1994 में व बाद में मृतक शंकरलाल के द्वारा किरायेदार बृजबिहारीलाल श्रीवास्तव के विरूद्ध किराया बेदखली का दावा सन् 2003 में न्यायालय में पेश किया गया था, जिसमें न्यायालय के द्वारा दिनांक 10.02.2011 को उक्त दावे में निर्णय किया गया, जिसमें न्यायालय ने अपने निर्णय में यह माना है कि प्रार्थी के उक्त मकान की बाबत कोई भी लिखित पारिवारिक समझौता नहीं हुआ है, उक्त तथ्यों का ज्ञान प्रार्थी को वर्तमान में हुआ है। अगर लिखित पारिवारिक समझौता दिनांक 12.07.1997 को हुआ होता तो सन् 2003 में शंकरलाल भाटी के द्वारा उक्त दावा में लिखित पारिवारिक समझौता अवश्य पेश किया जाता, जो कि अभी वर्तमान कार्यवाहियों से पहले कभी भी प्रकाश में नहीं आया है, ऐसी सूरत में ऐसा लिखित पारिवारिक समझौता हुआ ही नहीं था, व उक्त दावा में शंकरलाल माटी (अप्रार्थी सं. 6 ता 10 के मुरिस), बाबूलाल भाटी अप्रार्थी सं. 1 व चाचा रूपाराम भाटी के शपथ पत्र दिनांक 09.02.2007 को प्रस्तुत हुए, जिनमें यह तथ्य उनके द्वारा स्वीकृत किया गया है कि प्रार्थी के पिता किशनलाल, सूरजमल प्रार्थी, शंकरलाल (अप्रार्थी सं. 8 ता 10 के मुरिस), बाबूलाल अप्रार्थी सं 1 के मध्य प्रार्थी के उक्त मकान की बाबत कोई भी लिखित पारिवारिक समझौता नहीं हुआ है, प्रार्थी के पिता किशनलाल का स्वर्गवास दिनांक 09.01.1998 को हो चुका है। B. यह कि प्रार्थी के द्वारा दिनांक 12.07.1997 को अगर किसी लिखित पारिवारिक समझौता पर हस्ताक्षर किये जाते या प्रार्थी के पिता के द्वारा, जिनका स्वर्गवास दिनांक 09.01.1998 को हो चुका है, के द्वारा ऐसे लिखित पारिवारिक समझौते का निष्पादन किया जाता तो उक्त किराया वेदखली के दावे में लिखित पारिवारिक समझौता संलग्र होता, जबकि ऐसा नहीं है, लिखित पारिवारिक समझौता का किसी भी दावे में कहीं वर्णन नहीं है, उक्त किराया बेदखली दावे में शंकरलाल, बाबूलाल व प्रार्थी का चाचा रूपाराम अपने शपथपत्र व बयानों में लिखित पारिवारिक समझौते का कथन अवश्य करते, जबकि ऐसा नहीं है, जो उनके शपथ पत्र व बयानों को देखने से ही स्पष्ट है, बल्कि उन्होंने लिखित से इन्कार ही किया है, क्योंकि ऐसा लिखित पारिवारिक समझौता कभी हुआ ही नहीं था, इससे स्पष्ट है कि बाबूलाल भाटी अप्रार्थी सं. 1 व उसके पुत्र-पुत्री अप्रार्थी नं. 2 ता 5 व मृतक शंकरलाल व उसकी पत्रि व पुत्र पुत्रियों अप्रार्थी सं 6 ता 10 ने प्रार्थी की उक्त अचल सम्पत्ति को हडप करने की नीयत से छलपूर्वक, तथ्यों को छुपाते हुए कूटरचित पारिवारिक समझौता दिनांक 12.07.1997 तैयार किया है। जबकि बाबूलाल अप्रार्थी सं. 1 व मृतक शंकरलाल व उनके चाचा रूपाराम गवाह उपरोक्त कार्यवाहियों में शपथ पत्र प्रस्तुत कर यह बयान दिये गए हैं कि किशनलाल की मृत्यु के पश्चात हम भाईयों में मौखिक पारिवारिक समझौता हुआ था, कहीं भी लिखित नहीं हुआ था, ऐसी स्थिति में यह प्रथमदृष्टया स्पष्ट है कि उक्त पारिवारिक समझौता प्रार्थी की उक्त अचल सम्पत्ति को हड़पने की नीयत से कूटरचित, फर्जी व साजिशाना तैयार किया गया, जो ताजीराते हिंद के तहत एक गंभीर अपराध है। 9. यह कि दिनांक 20.11.2021 को प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए पुलिस थाना सदर बीकानेर गया, लेकिन उक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने से इन्कार कर दिया गया। 10. यह कि प्रार्थी के द्वारा श्रीमान पुलिस अधीक्षक, बीकानेर के समक्ष मुकदमा दर्ज करने बाबत दिनांक 22.11.2021 को एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया, जिसके पश्चात आज दिनांक तक पुलिस थाना सदर बीकानेर द्वारा मुकदमा अप्रार्थीगण के विरुद्ध दर्ज नहीं किया गया, इसलिये प्रार्थी श्रीमानजी के समक्ष उक्त प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर रहा है। 11. यह कि कूटरचित पारिवारिक समझौता अप्रार्थीगण के द्वारा कचहरी परिसर बीकानेर में तैयार करवाया गया है, जो कि पुलिस थाना सदर के क्षेत्राधिकार व श्रवणाधिकार में आता है। यहकि प्रार्थना पत्र पूर्ण कोर्ट फीस पर प्रस्तुत है। 12 अंतः प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर निवेदन है कि प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 156 (3) सी.आर.पी सी के अन्तर्गत पुलिस थाना सदर, बीकानेर में भेजा जाकर अप्रार्थीगण के विरुद्ध धारा अन्तर्गत धारा 420, 467, 468, 471, 474 व 120 (b), भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किये जाने का आदेश फरमाये जाने की कृपा करे। 1/12/21 Ps सदर आज दिनांक 10/12-2021 के वस्तजरिये डाक उक्त इसमासा अन्तर्गत धारा 15.06 arie के तहत श्रीमान प्रार्थी, सुरजमल, सूरजमल पुत्र स्व. किशनलाल जाति भाटी धोबी निवासी धानुका भवन के सामने, रानी बाजार, बीकानेर प्राप्त हुआ जिस पर एफआईआर जुर्म धारा 420,467,468,471,474,120बी आईपीसी में दर्ज कर अनुसंधान श्री हनुवन्त सिंह सउनि को सुपुर्द किया गया। एफआईआर प्रतियां नियमानुसार जारी की गयी। सीसीएनएस मे प्रविष्टी करने पर जारीशुदा एफआईआर क्रमांक पृथक से नीचे अंकित होगें।