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बीकानेर,नोखा से बीजेपी विधायक बिहारी लाल विश्नोई की गाड़ी ने एक बेकसूर नर्सिंग कर्मचारी की जान ले ली। अब मामला गरमाया हुआ है। पीबीएम के आगे जाम लगा है। नर्सिंग कर्मचारियों व पार्षदों ने धरना लगा रखा है। मृतक मोहम्मद हसन के परिवार को विधायक से पचास लाख रूपए व सरकार से एक करोड़ रूपए दिलवाने की मांग की जा रही है। इसके अतिरिक्त सरकारी योजनाओं के लाभ दिलवाने की भी मांग है। घटना रविवार सुबह पीबीएम के सामने तब हुई जब मोहम्मद हसन ट्रोमा की ड्यूटी पूरी कर वापिस जा रहा था। जब हसन सड़क पार कर रहा था तभी विधायक की गाड़ी ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। आरोप है कि विधायक की गाड़ी ओवर स्पीड में थी। करीब 100 से 120 की स्पीड होने का आरोप है। बता दें कि पीबीएम की इस रोड़ पर आजकल वाहनों का भारी अतिक्रमण रहता है। मरीज़ परिजन लगातार दवाईयों के लिए सड़क के इधर उधर आते जाते रहते हैं। इसके बावजूद भी अगर विधायक की गाड़ी ओवर स्पीड में थी तो यह भारी लापरवाही है। मामले की जांच होनी चाहिए। मामले में अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। हालांकि विधायक ने दुर्घटना कारित करने वाली गाड़ी घटना के बाद ही थाने में जमा करवा दी थी। कहा तो यह भी जा रहा है कि विधायक ने ही हसन को अस्पताल के अंदर पहुंचाया। जबकि नर्सिंग कर्मियों के अनुसार आम व्यक्ति व मौके पर चाय पी रहे कुछ नर्सिंग कर्मियों ने मिलकर हसन को अस्पताल में पहुंचाया था। बिहारी तो बाद में आए।

बताया जा रहा है कि मोहम्मद हसन के पीछे उसकी बीवी व दो बच्चे हैं। बेटी 17 साल की है तथा बेटा 15 साल का है। दुर्घटना की विधायक ने, और सरकार से मांगे जा रहे डबल पैसे- मामले में ख़ास बात यह है कि धरणार्थियों ने विधायक बिहारी से पचास लाख रूपए दिलवाने की मांग की है जबकि सरकार से एक करोड़ मांगे हैं। विधायक एक बेहद जिम्मेदार पद हैं। दुर्घटना के वक्त विधायक खुद गाड़ी में थे। धरने पर अंदरखाने इस बात का भी विरोध है कि विधायक से कम पैसे क्यों मांगे जा रहे हैं। अब देखना यह है कि वीआईपी से जुड़े इस मामले में पीड़ित परिवार को दबाया जाता है या न्याय दिलाया जाता है। मामले में अब तक मुकदमा तक दर्ज नहीं हुआ है। धरने पर मृतक हसन की बीवी व बच्चे भी मौजूद हैं।

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