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बीकानेर, गंगाशहर पुलिस द्वारा जानलेवा हमले के शिकार पीड़ित को ही अवैध रूप से हिरासत में लेने का मामला सामने आया है। घटना रविवार शाम की है। जब गंगाशहर पुलिस ने गंगाशहर के नया बस स्टैंड के पीछे निवास करने वाले मोमीन पुत्र कमरूद्दीन को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।

दरअसल, आईजी ओमप्रकाश पासवान ने 5 व 6 जून को संभाग स्तरीय ऑपरेशन क्लीन चालाया है। आईजी ने निर्देश दिए थे कि इसके तहत थाना क्षेत्रों के टॉप टेन वांछितों व हार्डकोर अपराधियों के घर रेड करनी है। उन्हें धर दबोचना है। निर्देश था कि रेड आरपीएस व आईपीएस स्तर के अफसरों के निर्देशन में ही करनी है। आज दिन भर पुलिस की तीन तीन गाड़ियां अपराधियों के घर व ठिकानों पर रेड करने पहुंचती रही।
इसी ऑपरेशन के तहत खानापूर्ति कर नंबर लेने के चक्कर में गंगाशहर पुलिस ने मोमीन को गिरफ्तार कर लिया। एडवोकेट अनिल सोनी के अनुसार मोमीन के साथ 2019 में मारपीट हुई थी। वह जब दूध सप्लाई कर लौट रहा था तब रानी बाज़ार में कुछ बदमाशों ने उस पर हमला किया। उसका जबड़ा तोड़ दिया गया, जिसका उसे ऑपरेशन करवाना पड़े। मामला बेहद गंभीर था। तत्कालीन थानाधिकारी ने धारा 308 सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। इसी मामले में परिस्थितिवश मोमीन गवाही के लिए कोर्ट में पेश नहीं हो पाया तब कोर्ट ने उसे न्यायालय में पेश करवाने के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। 20 मई 2022 को मोमीन न्यायालय में पेश हो गया। उसे जमानत मिल गई। उसने जुर्माना भी भर दिया। बयान भी हुए। अब उसकी आगामी तारीख 15 जून 2022 है।चौंकाने वाली बात है कि गंगाशहर पुलिस ने एक निर्दोष को इस तरह उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। सोनी का कहना है कि एक साथ तीन गाड़ियां उसे गिरफ्तार करने पहुंची थी, जैसे वो कोई हार्डकोर अपराधी हो। हालांकि बाद में एडवोकेट थाने पहुंचे। मामला आईजी व एसपी तक पहुंचाया गया तो थानाधिकारी लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने मोमीन को ऐसे ही छोड़ दिया। एडवोकेट अनिल सोनी का कहना है कि थानाधिकारी ने अभियान का टारगेट पूरा करने के लिए एक निर्दोष को अवैध रूप से एक घंटे हिरासत में रखा। गिरफ्तारी के तरीके से उसकी मान सम्मान को भी क्षति पहुंची है। सोनी का आरोप है कि जब वह(एडवोकेट) वस्तु स्थिति की जानकारी करवाने उनके ऑफिस पहुंचे तो उनसे भी बदतमीजी से बात की गई। यहां तक कि अधिवक्ता के खिलाफ ही रपट डालने की बात कही गई। उल्लेखनीय है कि आईजी ओमप्रकाश ने वांछित अपराधियों व हार्डकोर अपराधियों के आतंक से संभाग की जनता को मुक्ति दिलाने के लिए यह अभियान चलाया है। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि कोई थानाधिकारी इस तरह से निर्दोषों को गिरफ्तार करे।

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