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बीकानेर। गंगाशहर के श्मशान गृह में हुए आत्महत्या प्रकरण में चार नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। रामरतन ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें चारों लोगों पर आरोप लगाए, उन्हें मौत का जिम्मेदार ठहराया।

गंगाशहर सीआई लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने बताया कि सुसाइड नोट में अशोक उपाध्याय, मृतक के चचेरे भाई प्रकाश उपाध्याय, प्रकाश का साला मूलाराम व ससुर माधुराम आरोपित हैं। सुसाइड में लिखा है कि अशोक उपाध्याय के साथ उसने घी का काम किया था। अशोक उसके डेढ़ करोड़ हजम कर गया। आजकल अशोक लाइट वायरिंग आदि का काम कर रहा है। वहीं प्रकाश, माधुराम व मूलाराम पर सोशल मीडिया पर बदनाम करने का आरोप लगाया है। राठौड़ ने बताया कि प्रकाश व रामरतन ने जूते का काम साथ किया था। आरोप है कि इसी के बाद वे सोशल मीडिया पर उसे चोर लिखते हुए विश्वास ना करने का कहते थे। पुलिस ने चारों के खिलाफ धारा 306 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मामले की जांच करने पर पूरी बात सामने आ पाएगी। राठौड़ के अनुसार रामरतन ने पहले भी प्रकाश आदि के खिलाफ गंगाशहर थाने में परिवाद दिया था, जिसमें बाद में सामाजिक स्तर पर राजीनामा हो गया था

बता दें कि गुरूवार सुबह करीब नौ बजे गंगाशहर तुलसी समाधि स्थल के पीछे स्थित श्मशान गृह में पेड़ पर लटकता शव मिलता था। शव की पहचान बसंत कुंज निवासी रामरतन ब्राह्मण के रूप में हुई। पुलिस के अनुसार रामरतन सुबह घर से चैक जमा करवाने का कहकर निकला था। मगर श्मशान गृह गया, वहां पेड़ से फंदा लटकाकर फांसी लगा ली। उसकी जेब में एक सुसाइड नोट व चैक मिला। 2 लाख 44 हजार 820 रूपए लिखा यह चैक दिल्ली की किसी कंपनी के नाम था। यह कंपनी रामरतन को जूते सप्लाई करती थी।

पुलिस के अनुसार रामरतन के पिता नहीं हैं। वह अपनी पत्नी के साथ बसंत कुंज में रहता था। उसका पुश्तैनी मकान चोपड़ा स्कूल के पास बताया जा रहा है। वहीं भाई जोधपुर में कंपाउंडर है। वह घटना के बाद बीकानेर पहुंच गया था।

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