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बीकानेर,कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट राजस्थान की सियासी उठापटक के बीच आर्मी में अपना भविष्य आजमा रहे हैं.सचिन सियासी पिच पर बैटिंग करने के साथ-साथ सेना में भी एक्टिव हैं. नौ साल पहले सचिन पायलट को आर्मी ने कैप्टन का दर्जा दिया था. अब सचिन पायलट पढ़ाई करने के बाद अपना कद बढ़ा रहे हैं. कैप्टन से मेजर बनने के लिए सचिन पायलट को तीन-तीन घंटे की दो लिखित परीक्षाएं देनी थी.

सचिन ने सोमवार 17 अक्टूबर को तीन घंटे लिखित परीक्षा दी. उसके बाद आज 18 अक्टूबर को भी तीन घंटे की लिखित परीक्षा दी. यह परीक्षा पास करने के बाद सचिन पायलट भारतीय सेना में कैप्टन की बजाय मेजर बन जाएंगे. सचिन ने टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत में बताया कि वह देश सेवा को महत्व देते हैं. कैप्टन मुझे आर्मी ने बनाया, लेकिन देश सेवा के लिए मैं आगे बढ़ना चाहता था. इसलिए मैंने पढ़ाई की और मेजर की परीक्षा में शामिल होने का फैसला किया.दो घंटे 50 मिनट में ही पूरी की लिखित परीक्षा

सचिन पायलट ने बताया कि तीन-तीन घंटे दो दिन मैंने लिखित परीक्षा दी. मैंने परीक्षा दो घंटे 50 मिनट में ही पूरी कर ली. उम्मीद है कि बजरंग बली की कृपा से मैं पास कर जाऊंगा, लेकिन फिर भी कुछ गड़बड़ी हुई या मैं पास नहीं कर सका तो फिर प्रयास करूंगा, क्योंकि प्रयास करना हर नौजवान का अधिकार है. भारतीय सेना सम्मान की हकदार है. हम उसका सम्मान करते हैं. उनके नियमों के तहत मैंने कोशिश की है. पास हुआ तो ठीक नहीं तो फिर कोशिश जारी रहेगी.

5 साल तक रहे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

सचिन ने कहा कि जहां तक राजस्थान कांग्रेस की सियासत की बात है तो वह अपनी जगह है. उस बारे में मैं इतना ही कहूंगा कि अशोह गहलोत मेरे पितातुल्य हैं. वह जो चाहे कह सकते हैं, लेकिन 2013 से 2018 तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते मैंने मेहनत करके सबको साथ लाया. कांग्रेस की सरकार राज्य में बनवाई. अब मेरी कोशिश है कि राजस्थान का इतिहास बदले. सचिन पायलट ने कहा कि एक बार कांग्रेस, एक बार बीजेपी की प्रथा बदले और 2023 में दोबारा कांग्रेस की सरकार बने. मैं इसी के लिए मेहनत कर रहा हूं, कोशिश कर रहा हूं.

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