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बीकानेर,सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर राज्य सरकार कितनी संवेदनशील है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिड-डे मील में मिलने वाला मिल्क पाउडर फिलहाल बक्सों में बंद पड़ा है.लेकिन दूध के ये पैकेट कब और कैसे खुलेंगे, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है।

योजना की घोषणा के बाद शैक्षणिक सत्र शुरू हुए 4 माह से अधिक का समय बीत चुका है। इसके बाद भी जिले भर के 1381 सरकारी स्कूलों के करीब 1.11 लाख बच्चों को दूध नहीं मिला है. बीकानेर ही नहीं राज्य में भी यही स्थिति है। जिसके तहत 66 हजार से ज्यादा स्कूलों में पढ़ने वाले 70 लाख बच्चे अब भी दूध के इंतजार में हैं. जैसलमेर के स्कूलों में पिछले एक महीने से दूध के डिब्बों की आपूर्ति की जा रही है.

वसुंधरा सरकार ने स्कूलों में दूध योजना की शुरुआत की थी। बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य बजट घोषणा 2022-23 में गोपाल योजना की घोषणा की। इसमें सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 70 लाख बच्चों को पाउडर से तैयार दूध दिया जाना है.इसका उद्देश्य कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करना और सरकारी स्कूलों में नामांकन और उपस्थिति में वृद्धि के साथ-साथ छात्रों के ड्रॉपआउट को रोकना है। जून 2022 में योजना के क्रियान्वयन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। स्कूलों में मिल्क पाउडर सितंबर-अक्टूबर में उपलब्ध करा दिया गया है। अब सरकार के आदेश का इंतजार है। जिससे बच्चों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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