बीकानेर,पीएम मोदी बुधवार को चंडीगढ़ में बने होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र का लोकार्पण करेंगे। करीब 660 करोड़ रुपए की लागत से बने इस कैंसर अस्पताल से कई राज्यों की जनता को लाभ मिल सकेगा।बता दें कि सरकार पंजाब में कैंसर केयर हब बनाना चाहती है, क्योंकि पंजाब के तमाम हिस्सों में कैंसर काफी व्यापक है। पंजाब में कैंसर की स्थिति ऐसी है कि यहां से चलने वाली एक ट्रेन का नाम ही ‘कैंसर एक्सप्रेस’ पड़ गया है। क्या है कैंसर ट्रेन, कहां से कहां तक चलती है और कैंसर मरीजों को इसमें क्या सुविधाएं मिलती हैं? आइए जानते हैं।
कैंसर एक्सप्रेस नाम से ही होती है पूछताछ :
कैंसर एक खतरनाक बीमारी है और यह पंजाब और राजस्थान में तेजी से फैल रही है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि भारत में चलने वाली एक ट्रेन का नाम ही कैंसर एक्सप्रेस पड़ गया है। पूछताछ खिड़की पर लोग अक्सर इस ट्रेन की इन्क्वायरी कैंसर ट्रेन बोलकर ही करते हैं।
ट्रेन में 70% से ज्यादा कैंसर मरीज होते हैं सवार :
कैंसर एक्सप्रेस ट्रेन रोजाना जम्मू से चलकर रात 9 बजकर 20 मिनट पर बठिंडा पहुंचती है। पांच मिनट रुकने के बाद यह ट्रेन बीकानेर के लिए रवाना हो जाती है। इस ट्रेन में रोजाना औसतन 200 से ज्यादा कैंसर मरीज सवार होते हैं। 70 फीसदी मुसाफिर कैंसर पीड़ित ही होते हैं। सीट न मिलने पर फर्श पर ही सफर करते हैं। यहां तक कि अब लोग इस ट्रेन का असली नाम भी भूल चुके हैं।
कैंसर मरीज को मुफ्त यात्रा :
रोज रात को 9 बजकर 25 मिनट पर बठिंडा से बीकानेर तक जाने वाली यह ट्रेन 12 कोच की है। यह सुबह 3 बजे बीकानेर पहुंचती है। इस ट्रेन में कैंसर मरीज को न सिर्फ मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलती है। मरीज के साथ एक यात्री को किराए में 75% तक की छूट भी मिलती है। कैंसर के मरीजों को स्लीपर और एसी-3 टियर में फ्री में सफर करने की छूट है।
मरीजों को दिया जाता है पास :
कैंसर एक्सप्रेस ट्रेन से मरीज अपनी पीड़ा लिए आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र पहुंचते हैं। पंजाब से आने वाले मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल से ही मरीजों को पास बनाकर दिया जाता है। इसके अलावा कई मरीज इस ट्रेन से बीकानेर से बठिंडा जाते हैं और वहां के एडवांस कैंसर केयर सेंटर और एम्स में भी अपना इलाज करवाते हैं।