बीकानेर,राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर की सफाई और मरम्मत हर वर्ष की जाती है जिससे वहां के निवासियों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है।
इसलिए नहर बंदी के काम में आटकले आती रहती है। जिससे यह नहर बंदी के काम का समय आगे बढ़ा दिया जाता है। इंदिरा गांधी नहर की सफाई और मरम्मत के लिए हर वर्ष होने वाली नहर बंदी कुछ दिन के लिए टलने के बाद अब छह मई से शुरू होगी।
जिलों को मिलेगा 5 मई तक पानी
बीकानेर सहित पश्चिमी राजस्थान के अधिकांश जिलों को नहर से 5 मई तक ही पानी मिल सकेगा, इसके बाद स्टोरेज हुए पानी से ही वाटर सप्लाई करनी पड़ेगी। बीकानेर में 6 मई से ही व्यवस्था गड़बड़ाने तय है, जबकि अन्य जिलों में इसके एक-दो दिन बाद असर दिखना शुरू होगा। शहर के बजाय गांवों में ज्यादा हालात बिगड़ेंगे। 6 जून तक पश्चिमी राजस्थान के गांवों में पानी का बड़ा संकट खड़ा होगा।
नहर बंदी 25 अप्रैल से ही शुरू
वैसे तो नहर बंदी 25 अप्रैल से ही शुरू होनी थी लेकिन पानी की कनी के कारण कुछ दिन और पानी मिल गया। अब 5 मई से नहर में पीने के पानी भी नहीं आएगा। ऐसे में बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाडमेर, नागौर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू में पानी का संकट आएगा। इन जिलों में जहां इंदिरा गांधी नहर का पानी दिया जाता है, उन क्षेत्रों में पहले से स्टोरेज पानी की ही सप्लाई हो सकेगी। ऐसे में स्टोरेज पानी के आधार पर पानी आगामी दिनों के लिए बांट दिया जाएगा। बड़ी कृत्रिम झीलें होने से बड़े शहरों में तो एक दिन के अंतराल से पानी की आपूर्ति होगी लेकिन जिन गांवों में डिग्गी में उपलब्ध पानी का वितरण होता है, वहां वाटर सप्लाई में दो से तीन दिन का अंतराल भी हो सकता है। छोटी डिग्गी वाले गांवों में इससे भी ज्यादा अंतर आ सकता है।
हर रोज प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी की सप्लाई
आपको बता दें कि जलदाय विभाग हर रोज प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी की सप्लाई करता है। 5 मई तक तो इतना पानी मिलेगा लेकिन छह मई से ये व्यवस्था आधी हो जाएगी। तब एक दिन के अंतराल से पानी मिलेगा यानी एक दिन पानी आएगा और दूसरे दिन नहीं आएगा। ऐसे में प्रति व्यक्ति करीब 68-70 लीटर पानी ही प्रति व्यक्ति मिल सकेगा।