बीकानेर,दाे साल से नहरबंदी और शहर की बढ़ती पानी की मांग पर केन्द्र और राज्य सरकार 2000 कराेड़ से ज्यादा रुपए खर्च कर 2024 तक इस संकट से निजात दिलाने में लगी है। केन्द्र सरकार नहर किनारे चार एस्केप बना रही है ताे राज्य सरकार 2050 तक की आबादी के लिहाज से नया स्ट्रक्चर बिछाने में लगी है। दाे साल बाद नहरबंदी भी बंद हाे जाएगी। इसलिए आने वाले दाे सालाें में शहर की पेयजल पर तीन स्तर पर बड़ा काम शुरू हाे चुका हाेगा।
केन्द्र सरकार नहर किनारे चार एस्केप बना रही है। दाे एस्केप बीकानेर के लिए और शेष दाे जैसलमेर, बाड़मेर और जाेधपुर के लिए काम आएंगे। इनमें इतना पानी आएगा कि कई महीने तक शहराें की प्यास बुझाई जा सकेगी। इसी तरह 2050 तक की संभावित 13 लाख शहर की आबादी की प्यास बुझाने के लिए राज्य सरकार पहले ही 614 कराेड़ रुपए का प्रस्ताव पारित कर चुकी है। टेंडर भी लग गए हैं। मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत 12 जून काे बीकानेर में इस परियाेजना काे शुरू करने आएंगे। जब ये दाेनाें काम पूरे हाेंगे इसी बीच पंजाब के अधीन 47 किलाेमीटर नहर की मरम्मत भी पूरी हाे जाएगी। ताे नहरबंदी हाेनी भी बंद हाे जाएगी।
पहले पैकेज में शोभासर के पास बनेगा जलाशय, दूसरे में 15 नई टंकियां
पहले पैकेज में 175 कराेड़ रुपए से चकगरबी यानी शाेभासर जलाशय के पास 30 हजार लाख लीटर का जलाशय बनेगा। 300 लाख लीटर का ट्रीटमेंट प्लांट और 2500 किलाेलीटर का स्वच्छ जलाशय तैयार हाेगा। इसी के साथ बीछवाल में 25 हजार लाख लीटर का नया जलाशय बनेगा। 300 लाख लीटर का ट्रीटमेंट प्लांट और 2800 किलाेलीटर की क्षमता का स्वच्छ जलाशय बनेगा। ये दोनों जलाशय बनने के बाद शहर में चार जलाशय हो जाएंगे।
दूसरे पैकेज में 15 नई टंकियां बनाई जाएंगी। दाे पंपिंग स्टेशन बनेंगे। 626 किलाेमीटर नई पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इसमें प्राइवेट काॅलाेनियाें के मुहाने तक लाइन पहुंचाई जाएगी। 62 हजार नए कनेक्शन हाेंगे। स्काडा सिस्टम लागू हाेगा। इसके अलावा जीएसएस और डायरेक्ट फिल्टर पाॅइंट जैसे तमाम काम होंगे। 32 गांवों तक नहर का फिल्टर पानी पहुंचेगा। अभी तक यहां प्राकृतिक स्रोत का पानी जाता है जिसमें फ्लोराइड और नाइट्रेट की मात्रा होती है।
केन्द्र की याेजना : पाकिस्तान जा रहे पानी को एस्केप में करेंगे एकत्रित
केन्द्र सरकार ने छह महीने पहले ही 1200 कराेड़ रुपए चार नए एस्केप बनाने के िलए मंजूर किए हैं। बारिश के दाैरान जाे पानी पाकिस्तान जाता है उस पानी काे यहां लाकर एस्केप में जमा करने की याेजना है। इसमें इतना पानी जमा हाेगा कि अगर नहर से दाे से चार महीने भी पीने का पानी ना मिले ताे भी बीकानेर जिले की प्यास अकेले एस्केप का पानी बुझा सकता है। नहर विभाग ने इसका टेंडर कर दिया और इसका सीधा लाभ जिले की 25 लाख जनता काे मिलेगा।
2050 तक प्यास बुझाने वाली परियाेजना पर एक नजर
2018 में वेप्काेस से डीपीआर तैयार, 798 कराेड़ की डीपीआर तैयार हुई।
2019 में विधानसभा के बजट भाषण में 614.10 कराेड़ की परियाेजना मंजूर।
इस साल के शुरूआत में आईजीएनपी से 76 क्यूसेक शाेभासर और 45 क्यूसेक बीछवाल के लिए अतिरिक्त पानी मंजूर कराया।
जुलाई 2021 में टेंडर लगाया।
6 अप्रैल 2022 काे चकगरबी में 300 बीघा जमीन जलाशय के लिए निशुल्क आवंटित कराई और डीएलसी रेट पर बीछवाल में 242 बीघा जमीन खरीदी।
टेंडर पूरे हाेने के बाद 10 फरवरी काे पहले 175 कराेड़ रुपए का कार्यादेश जारी हुआ।
मई 2024 तक दाेनाें पूरे करने हाेंगे।
2024 में नहर की मरम्मत पूरी हो जाएगी
पंजाब के अधीन करीब 100 किमी नहर जर्जर है। मरम्मत दाे साल से चल रही है। करीब 53 किमी नहर दुरुस्त हाे चुकी है। 47 किमी बाकी है। केन्द्र व राज्य सरकार ने मिलकर करीब 1000 कराेड़ रुपए खर्च किए हैं। यूं ताे 2023 में ही इसे ठीक करने की शर्त है लेकिन जिस गति से पंजाब ने काम किया उस हिसाब से अगले साल ये काम पूरा होना मुश्किल है। फिर भी 2024 तक हर हाल में ये पूरा हाेगा। उसके बाद नहरबंदी नहीं हाेने से पेयजल संकट से मुक्ति मिलेगी।
बड़ी कंपनियां काम कर रही है। वे काम समय पर पूरा कर लेंगी। जाे भी अड़चने आएंगी हम उन्हें दूर करते रहेंगे। इसलिए उम्मीद है कि दाे साल में प्राेजेक्ट पूरा हाे जाएगा। इसके बाद पेयजल किल्लत नहीं हाेनी चाहिए। उम्मीद है कि नहरबंदी से भी निजात मिल जाएगी ताे पानी की समस्या का हल दाे साल में हाे जाएगा।