जयपुर,राजस्थान में मतदाताओं का आधार नंबर मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) से जोड़ने का अभियान शुरू हो चुका हैं और यदि आपका वोटर आईडी इससे नहीं जुड़ा हैं तो आप इसे जुड़वा सकते है। ये स्वैच्छिक है। इसके लिए बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर पहुंचकर आधार नंबर की जानकारी ले रहे हैं। यह अभियान 31 मार्च 2023 तक जारी रहेगा।मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में एक अगस्त से शुरू हुए इस अभियान में अब तक 3 लाख से अधिक मतदाताओं ने अपने आधार नंबर को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ लिया है। सर्वाधिक 2 लाख 23 हजार आवेदन गरुड़ ऐप के माध्यम से प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि मतदाता के नाम का दोहराव और अन्य गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने के लिए आधार नंबर को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आधार नंबर देना स्वैच्छिक है। आधार नंबर ना होने से ना तो मतदाता सूची से किसी का नाम काटा जाएगा और ना ही जोड़ने में कोई बाधा आएगी। आधार नंबर की गोपनीयता रखी जाएगी।उन्होंने कहा कि आवेदन ऑनलाइन वोटर हेल्पलाइन एप, नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल के माध्यम से भी कर सकते हैं। इसके लिए एक नया फॉर्म 6 बी भरा जाएगा उन्होंने बताया कि जो मतदाता पहली बार अपना नाम जुड़वा रहे हैं उनके पास आधार कार्ड नहीं है तो वे मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक या पोस्ट ऑफिस की पासबुक, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पेंशन दस्तावेज, श्रम मंत्रालय द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, शासकीय या अर्ध शासकीय सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा जारी परिचय पत्र, सांसद, विधायक या विधान परिषद सदस्य का परिचय पत्र, सामाजिक न्याय मंत्रालय क परिचय पत्र भी प्रस्तुत कर सकते हैं।मतदाता को मतदान के लिए भटकना ना पड़े इसलिए उसे घर के पास के केंद्र से सम्बध्द किया जाएगा। साथ ही एक परिवार के सदस्यों को एक ही मतदान केंद्र मिले, इसका पुनरीक्षण में विशेष ध्यान रखा जाएगा। मतदाता परिचय पत्र स्पीड पोस्ट से घर पहुंचाए जाएंगे।
मतदाता सूची का संक्षिप्त पुनरीक्षण 9 नवंबर से
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाता सूची का संक्षिप्त पुनरीक्षण 9 नवंबर से किया जाएगा। मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन करके नाम जोड़ने, हटाने, संशोधन करने या फिर स्थानांतरण के आवेदन लिए जाएंगे। 5 जनवरी 2023 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा।
इससे पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी के नेतृत्व में सीईओ कार्यालय से लेकर बीएलओ तक इस अभियान की शानदार शुरुआत हुई। निर्वाचन विभाग मुख्यालय से लेकर सभी जिला निर्वाचन कार्यालयों निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी कार्यालयों, सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी कार्यालयों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपने अपने मतदाता पहचान पत्र को आधार नंबर से जोड़ा।