बीकानेर,श्रीकोलायत विधानसभा क्षेत्र में 1 हजार करोड़ रूपये के विकास कार्य का ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी का दावा या तो खोखला है या फिर राज्य सरकार की बजट घोषणा और विकास योजना पर बड़ा सवाल है। क्या राज्य सरकार की विकास योजना और बजट प्रावधानों में श्रीकोलायत के विकास में एक हजार करोड़ के प्रावधान है ? इसका लेखा जोखा कहां है। वैसे राज्य सरकार ने विकास मद पर हर विधानसभा क्षेत्र में आधारभूत संसाधन, चिकित्सा, शिक्षा, पेयजल और बिजली पर कमोबेश एक
जैसी नीति है। फिर श्रीकोलायत में अलग से एक हजार करोड़ की राशि किस मद से आई है। यह बात ऊर्जा मंत्री को जनता को बतानी चाहिए। यह बात तो सही है कि श्रीकोलायत में आजादी के बाद शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, पेयजल और विद्युत संसाधनों में सराहनीय काम हुआ है। भंवर सिंह भाटी के प्रयासों से स्कूल कालेज खुले हैं। स्वास्थ्य सेवाओं और आधारभूत विकास के काम हुए हैं। फिर भी एक हजार करोड़ के विकास कार्यों के दावे में बजट प्रावधानों का लेखा जोखा जनता को बताना ही चाहिए। नेता अपने क्षेत्र की जनता से वाहवाही लेने के लिए अतिरेक में दावे कर जाते हैं जो कई बार गलत साबित होते है। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी का यह कहना तो ठीक है कि कोलायत विधानसभा क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं का विस्तार होने से यह क्षेत्र विकसित क्षेत्र के रूप में पहचान बना रहा है। आने वाले समय में यह क्षेत्र अग्रणी कहलायेगा और इसका बदला हुआ स्वरूप दिखाई देगा।
भाटी ने कोलायत में राजकीय कन्या महाविद्यालय के शिलान्यास कार्यक्रम में कहा कि राजस्थान के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में इतनी राशि खर्च नहीं हुई जितनी कोलायत विधानसभा क्षेत्र में हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी बजट में कोलायत विथानसभा का ध्यान रखा, जो मांगा,उससे ज्यादा दिया। इसके लिए उन्होंने कोलायत की जनता की ओर मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा विकास के कार्य कोलायत क्षेत्र में हुए है। लगभग एक हजार करोड़ रूपये विकास कार्यों पर व्यय किए गये हैं। सवाल उठता है कि मुख्यमंत्री ने श्रीकोलायत को विशेष तरजीह क्यों दी? मुख्यमंत्री को सभी विधानसभा क्षेत्रों को समान नजरिए से देखना चाहिए। श्रीकोलायत को विकास के लिए सबसे ज्यादा देना बाकी विधानसभा क्षेत्रों के साथ पक्षपात करना हुआ। खुद ऊर्जा मंत्री कह रहे है कि मुख्यमंत्री ने श्रीकोलायत विधानसभा का ध्यान रखा जो मांगा उससे ज्यादा दिया। हो सकता है भाटी यह बात अतिरेक में कह गए हों। जनता के सामने मुख्यमंत्री की वाहवाही और अपनी उपलब्धि दर्शाना चाह रहे हों, परंतु एक हजार करोड़ के विकास की बात आसानी से गले उतरने वाली नहीं है। कहीं प्रचार माध्यम भाटी की वाहवाही के लिए जनता को भ्रमित करने का काम तो नहीं कर रहे हैं। भाटी के एक एक कामों को प्रचार माध्यम से बार बार प्रचार कर आभा मंडल बनाने की जुगत की जा रही है। यह कोई स्थायी साख बनाने जैसा काम नहीं है। भंवर सिंह भाटी पवित्र भाव से जनप्रतिनिधि का दायित्व निभा रहे हैं। उनके प्रयासों से लगता है कि श्रीकोलायत को विकास की ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं। इनके कामों को बढ़ा चढ़ा कर जनता के सामने प्रचार माध्यमों से पेश करना और विकास को अतिरेक से बताना भाटी के अच्छे प्रयासों की साख घटाना है। ऐसा करना लगता तो अच्छा है, परंतु इसके परिणाम समझने वाले ही समझ सकते हैं।