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बीकानेर,प्रदेश के विकास से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज को सदन में प्रस्तुत करने में मुखिया जी द्वारा बरती गई लापरवाही स्पष्ट रूप से दर्शाती है की मुखिया जी प्रदेश के विकास को लेकर कितने गंभीर है।

जो दस्तावेज न संभाल पाए वो प्रदेश कैसे संभालेंगे
प्रदेश के मुखिया जी द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत किया गया बजट विज़न के स्थान पर हवाई और पूर्व में की गई किसान कर्जमाफी की घोषणाओं की तरह खोखला है। केवल 50 यूनिट अतिरिक्त विद्युत फ्री करने से ही सरकार पर 7000 करोड़ का वित्तीय भार बढ़ेगा। चुनाव को देखते हुए अशोक गहलोत जी ने जनता,युवा,किसान भाइयों,महिलाओं हर वर्ग से झूठे वादे किए हैं, जो किसी भी रूप में पूरे किए जाने संभव नहीं है। बीकानेर शहर की बात करू तो बीकानेर के हिस्से कुछ नही आया । माइनिंग धारीवाल जी ले गए बाकी विश्वविद्यालय और महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर जयपुर विशेष रूप से जोधपुर में बंट गया। कुछ विधायकों के प्रयासों से वे अपनी विधानसभा में कुछ ले तो गए बीकानेर को तो 3 केबिनेट मंत्री और 3 राज्य मंत्री होने का नुकसान ही हुआ है। पूरे बजट का विश्लेषण करेंगे तो मेरी समझ में शायद बीकानेर को विशेष रूप से दरकिनार किया गया है। स्थानीय मंत्रियों की नाकामी का नतीजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।सरकार ने राजस्व प्राप्ति की और भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

*सुशीला कंवर राजपुरोहित*
*महापौर,बीकानेर*

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