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बीकानेर,जैसलमेर.सीमा सुरक्षा बल यानि बीएएसफ ने बॉर्डर पर कड़ी निगरानी के लिए बेड़े में ऊंट की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया है. बीएसएफ के डीजी पंकज कुमार सिंह ने नए ऊंट खरीदने के दिशा निर्देश दिए हैं, जिसके बाद नए ऊंट खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. बीकानेर सेक्टर के डीआईजी पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ ऊंट खरीदने के लिए जैसलमेर पहुंचे.यहां पर वे ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर बीएसएफ के नॉर्म्स के आधार पर रेगिस्तानी जहाजों की खरीददारी की प्रक्रिया कर रहे हैं.

ऊंटों के जरिए होती है बॉर्डर गार्डिंग: थार मरुस्थल की पश्चिमी सीमा पाकिस्तान से लगती है. यहां बॉर्डर गार्डिंग ऊंटों के जरिए होती है, लेकिन रेगिस्तानी जहाजों की संख्या लगातार घट रही है. पिछले कुछ समय में करीब 50 ऊंट भी नहीं खरीदे जा सके हैं जबकि बीएसएफ में भारी ऊंटों की कमी देखी जा रही है.

सीमा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछा: बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल पंकज कुमार सिंह ने बताया कि सीमा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछा हुआ है. इसके कारण ऊंटों की इतनी आवश्यकता नहीं है, लेकिन कई रेगिस्तानी इलाके ऐसे हैं जहां पर ऊंटों के जरिए ही पहुंचा जा सकता है और बॉर्डर गार्डिंग के लिए ऊंटों का इस्तेमाल किया जाता है. इसको देखते हुए हम बड़ी संख्या में ऊंट खरीदने जा रहे हैं.रेगिस्तान में ऊंट जवानों को साथी: ऊंचे-ऊंचे रेत के टीलों में जहां कोई वाहन काम नहीं करता वहां ऊंट जवानों के साथी होते हैं. पिछले करीब 8-10 सालों से बीएसएफ में ऊंट नहीं खरीदे गए थे. राजस्थान के रेतीले बॉर्डर पर ऊंट के जरिए ही बीएसएफ के जवान दिन रात गश्त करते हैं. सीमावर्ती इलाकों में ये ऊंट जवानों के सबसे महत्वपूर्ण साथी साबित होते हैं. बीकानेर सेक्टर के डीआईजी पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि राजस्थान में कुल 177 ऊंट खरीदे जाने हैं और जैसलमेरी नस्ल के ऊंट काफी बढ़िया माने जाते हैं इसलिए वे अपनी डॉक्टर और विशेषज्ञों की टीम के साथ जैसलमेर आए हैं.

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