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बीकानेर,सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा मां करणी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, नाल में आज एक महत्वपूर्ण जागरूकता सत्र आयोजित किया गया, जिसमें बीएसएफ की भूमिका, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की वर्तमान प्रासंगिकता और सीमा सुरक्षा से जुड़े विविध पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम में बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट महेश चंद्र जाट ने मुख्य वक्ता के रूप में विशेष संबोधन दिया।
डिप्टी कमांडेंट महेश चंद्र जाट ने छात्र-अध्यापिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने, दुश्मन देश की नापाक गतिविधियों से निपटने तथा स्थानीय नागरिकों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में बीएसएफ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि बीएसएफ समय-समय पर वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम, सामुदायिक संपर्क अभियान और युवाओं को प्रेरित करने वाले विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करती है, जिससे सीमा के पास रहने वाले लोगों का मनोबल बढ़ता है और उन्हें सुरक्षा का भरोसा मिलता है।
अपने संबोधन में जाट ने ऑपरेशन सिंदूर के महत्व को विस्तार से समझाते हुए बताया कि यह अभियान बीएसएफ की दूरदर्शिता, तकनीकी दक्षता और सहयोगी सुरक्षा एजेंसियों के साथ मजबूत समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने बताया कि
“बीएसएफ ने थल और वायु सेवाओं के साथ समन्वय स्थापित करते हुए अनेक महत्वपूर्ण अभियानों को सफल बनाया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ का हर जवान सीमाओं पर सतर्कता से तैनात रहकर देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाता है।”
उन्होंने कहा कि सीमा पर खड़ा एक-एक जवान न केवल दुश्मन की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखता है, बल्कि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए सदैव तत्पर रहता है।
डिप्टी कमांडेंट जाट ने विशेष रूप से बीएसएफ में बढ़ती महिला शक्ति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आज बीएसएफ महिला विंग हर क्षेत्र में अपनी क्षमता और साहस का परिचय दे रही है—चाहे वह सीमा सुरक्षा हो, निगरानी हो, ऑपरेशनल ड्यूटी हो या विशेष अभियान।

उन्होंने छात्र-अध्यापिकाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि बीएसएफ महिलाओं को कई विशेष अवसर प्रदान करती है। आप सभी भी आगे बढ़कर सुरक्षा बलों में शामिल हों, देश सेवा का यह सम्मानजनक मार्ग आपके लिए खुला है।”
उन्होंने CBSE व अन्य संस्थाओं की महिला विंग द्वारा किए जा रहे प्रयासों को भी सराहा और कहा कि युवतियों में बढ़ती देशभक्ति और राष्ट्रसेवा का भाव बीएसएफ जैसे सुरक्षाबलों के लिए उत्साहवर्धक है।
सेशन के दौरान सीमा सुरक्षा से जुड़े प्रश्न, बीएसएफ की कार्यप्रणाली, तकनीकी उपकरणों का उपयोग, आपात स्थितियों में रिस्पॉन्स सिस्टम, तथा सीमावर्ती गांवों में बीएसएफ की जनसेवा गतिविधियों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। छात्र-अध्यापिकाओं ने कई सवाल पूछे जिनका जाट ने सरल और प्रभावी तरीके से जवाब दिया।
इस अवसर पर रक्षा पत्रकार साहिल पठान भी उपस्थित रहे। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ मुदिता पोपली ने डीसीजी महेश चंद जाट का परिचय देते हुए उनकी ऑपरेशन सिंदूर में महती भूमिका को अवलोकित किया। महाविद्यालय की छात्रा अध्यापिकाओं ने महिला सशक्तिकरण से जुड़ी नाटिका का प्रदर्शन कॉलेज प्रवक्ता रेखा वर्मा के निर्देशन में किया। इस अवसर पर महाविद्यालय स्टाफ सरिता पुरोहित, डॉ पूनम मिड्ढा, कविता मेहरा, पूजा भाटी, राकेश पुरोहित, शिवजी छंगाणी उपस्थित रहे।आभार महाविद्यालय प्रवक्ता डॉ रितु श्रीमाली ने व्यक्त किया।

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