बीकानेर, चाइनीज मांझे से हर दिन हादसे हो रहे हैं। मंगलवार रात को भाई-बहिन चाइनीज मांझे का शिकार हो गए। गनीमत रही कि दोनों को मामूली घाव हुआ है। सुदर्शना नगर निवासी विकास सोलंकी ने बताया कि मंगलवार शाम को वह अपनी बहन स्वाति सांखला को नत्थूसर बास स्थित उसके ससुराल छोड़ने जा रहा था इसी दौरान गर्दन पर मांझे की सरसराहट महसूस की । उससे बचने के प्रयास में उसकी अंगुलियां जख्मी हो गई तथा पीछे बैठी बहन के चेहरे पर घाव हो गए और तेजी से खून बहने लग गया । इससे दोनों बहन भाई घबरा गए।
विकास ने बताया कि बहिन के चेहरे व उसके हाथ से खून बह रहा था। घटनास्थल के आसपास के घरों के लोगों से मदद मांगी। स्थानीय लोगों ने मरहम पट्टी की। बाद में वह अपनी बहिन को लेकर मारवाड़ हॉस्पिटल लेकर गया। वहां स्वाति के चेहरे पर पांच टांके लगाए हैं। पीडि़त विकास की अंगुलियों पर कट लगा, जिस पर पट्टी बांधी गई है।
चाइनीज मांझा जानलेवा साबित हो रहा है। श्रीरामसर में पतंग की डोर की चपेट में आने से सात पक्षी घायल हो गए। श्रीरामसर निवासी शिवप्रकाश ने बताया कि पिछले सांसोलाव तलाब के पास पतंग की डोर में दो कबूतन उलझे हुए थे, जिन्हें पंखों व पैरों में मांझा फंसा हुआ था, जिन्हें मांझे से मुक्त कराकर घर पर लाया और उनकी मरहम पट्टी की। इसी प्रकार सुजानदेसर व भीनासर में मुरलीमनोहर मंदिर के पास दो-तीन कबूतर मांझे से घायल हुए हैं।
समाजसेवी इन्द्रचंद ने कहा कि चाइनीज मांझे की बिक्री हो रही है। चाइनीज मांझे के कारण हर साल लोग घायल हो रहे हैं। इसके बावजूद जिला प्रशासन उदासीनता बरत रहा है। चाइनीज मांझे की बिक्री रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। दुकानदारों ने चाइनीज मांझा बेच दिया है। परिणामस्वरूप चाइनीज मांझे से लोग पतंग उड़ा रहे हैं और मांझे की चपेट में आने से हर दिन कोई न कोई घायल हो रहा है।