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बीकानेर,लूणकरणसर के मोटोलाई गांव से बीकानेर आकर यहां के उद्योग जगत को नूतन आयाम देने वाले उद्योगपति और समाजसेवी स्व. रामरख लेघा का जन्म शताब्दी समारोह रविवार को वेटेरनरी सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बीकानेर के गणमान्य जनों सहित बड़ी संख्या में आसपास के गावों से लोग उपस्थित हुए ।

समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान राज्य पुलिस जवाबदेही समिति के अध्यक्ष एच आर कुड़ी ने कहा कि रामरख लेघा जैसे विराट व्यक्तित्व के धनी लोग विरले ही होते हैं। वे मानवता को सबसे बड़ा धर्म मानते थे। कुड़ी ने कहा कि उस जमाने में संसाधनों के अभाव में भी स्व. रामरख लेघा ने इतिहास रच दिया था। आज की पीढ़ी को ऐसे महापुरुषों के जीवन का अध्ययन करना चाहिए।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए नोखा के पूर्व विधायक रेवंतराम पंवार ने कहा कि स्व. रामरख लेघा ने व्यवसाय भी आदर्शों और सिद्धांतों के साथ किया था, उन्होंने हमेशा शिक्षा की अलख जगाई थी। पंवार ने कहा कि वे ‘सादा जीवन उच्च विचार’ के अनुसार जीवन जीने वाले व्यक्तित्व थे। हम सभी को उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए।
अपना उद्बोधन देते हुए श्री बनवारी शर्मा ने कहा कि लेघा स्वामी रामसुखदास जी के प्रति गहरी आस्था रखते थे, इसीलिए वे सांसारिक व्यक्ति होते हुए भी एक संत के समान जीवन जीते थे।
बीरबल राम विश्नोई ने अपने विचार रखते हुए कहा कि वर्तमान के आपाधापी के युग में रामरख लेघा जैसे प्रेरक व्यक्तित्वों की प्रासंगिकता बहुत बढ़ गई है। नई पीढ़ी को उनके जैसे जीवन मूल्य अपनाने की महती आवश्यकता है।
समारोह के आरम्भ में स्वागत उद्बोधन देते हुए नारायण हरि लेघा ने कहा कि आज जब आम आदमी का जीवन अनेक विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है, सत्ता और समाज के बीच संवादहीनता पसरी हुई है, ऐसे समय में रामरख लेघा का मानवता को समर्पित जीवन प्रेरणादायक लगता है। नारायण हरि लेघा ने कहा कि स्व. रामरख लेघा ने राजनीतिक महत्वांकांक्षाओं से दूर रहते हुए जनकल्याण के कार्य किए,वर्तमान समय अनेक चुनौतियों से भरा पड़ा है सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक मूल्यों का क्षरण जिस तेजी से हो रहा है ऐसे में आम आदमी की वेदना को समझने वाली ताकत के अभ्युदय इंतजार है उन्होंने स्व. रामरख लेघा के जीवन के छुए- अनछुए अनेक प्रसंग साझा किए।
कार्यक्रम में रामरख लेघा के जीवन प्रसंगों पर आधारित पुस्तक ‘एक सफर’ का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट विभूतियों के साथ ही जाने माने मंच संचालक और उद्घोषक ज्योतिप्रकाश रंगा तथा कवि- पत्रकार संजय आचार्य वरुण का सम्मान किया गया।

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