
बीकानेर,गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा., मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, साध्वी दीपमाला श्रीजी व शंखनिधि के सान्निध्य रविवार को ढढ्ढा कोटड़ी में बालक बालिकाओं का शिविर हुआ, जिसमें लगभग 120 बच्चों ने हिस्सा लिया। बच्चों ने योग, प्राणायाम, एकाग्रता आदि के गुर सीखे। नवकार की महिमा पर प्रतियोगिता आयोजित की गई।
सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट, अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई की ओर से सकल श्रीसंघ के सहयोग से आयोजित चातुर्मास में अक्षय निधि तप 12 अगस्त को शुरू होगा वहीं ’’दादा दत्त सूरी’’ तप का समापन व जैन धर्म के प्रमुख आगम ’’कल्पसूत्र’ पर क्विज प्रतियोगिता 15 अगस्त को तथा तपस्वियों का अभिनंदन 17 अगस्त को होगा। अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद बीकानेर इकाई के सचिव विक्रम भुगड़ी ने बताया कि बच्चों के शिविर में आर्ट ऑफ लिविंग की योग प्रशिक्षक दमयंती सुथार ने योग प्राणायाम, समय प्रबंधन, मन को एकाग्र करने तथा ध्यान करने की विधि बताई।
रक्षा बंधन उत्सव में भागीदारी- गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर म.सा., मंथन प्रभ सागर म.सा. व बीकानेर की साध्वी दीपमाला श्रीजी ने रविवार को शाम पांच से छह बजे तक बेगानी, कोठारी मोहल्ले में स्थित नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय भंवर लाल कोठारी निवास परिसर में चल रही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा के रक्षा बंधन उत्सव में निश्रा प्रदान की। उन्होंने प्रवचन में कहा कि भारत गांवों का देश है, गांवों में हमारी प्राचीन परम्पराएं, संस्कृति व सभ्यता आज भी देखने को मिलती है। भारतीय संस्कृति को संजोने, हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पिछले 100 वर्षों से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के शताब्दी वर्ष में हम सभी देश, हिन्दू धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए प्रण प्राण से समर्पित भाव से कार्य करें। स्वयं सेवक विजय कोचर सहित अनेक वरिष्ठ स्वयं सेवकों ने गणिवर्य व साध्वीवृंद का वंदन-अभिनंदन किया।
गंगाशहर के गोल मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ
मंदिर की अंजनशलाका प्रतिष्ठा 8 फरवरी 26 को
बीकानेर, 10 अगस्त। खरतरगच्छाधिपति आचार्य जिन मणिप्रभसूरि महाराज ने रविवार को बाड़मेर में चातुर्मास स्थल पर बीकानेर के गंगाशहर में जीर्णोंद्धार के बाद नव निर्मित भगवान पार्श्वनाथ मंदिर की अंजनशलाका प्रतिष्ठा का मुर्हूत 8 फरवरी 2026 का घोषित किया है।
ृमुर्हूत को लेने भगवान पार्श्वनाथ जीर्णोंद्धार मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष धनपत सिंह बांठिया के नेतृत्व में श्रावक-श्राविकाओं का दल रविवार को विभिन्न वाहनों व दो बसों में खरतरगच्छाधिपति आचार्य जिन मणिप्रभ सूरि महाराज से मुर्हूत की विनती करने के लिए बाड़मेर पहुंचे थे।
बांठिया ने बताया कि खरतरगच्छाधिपति जिन मणि प्रभ सूरिजी की प्रेरणा से 180 वर्ष प्राचीन फौजदार बांठिया परिवार की ओर से निर्मित मंदिर पार्श्वनाथ मंदिर का जीर्णोंद्धार कार्य 2022 में शुरू किया गया था । गंगाशहर के गोल मंदिर के नाम से विख्यात भगवान पार्श्वनाथ के जिनालय में मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ के साथ वासुपुज्य स्वामी,पदम प्रभु, भगवान आदिनाथ, शांतिनाथ, महावीर स्वामी, गौतम स्वामी, पार्श्वचन्द्र सूरी, शांति गुरुदेव, देवी पदमावती, सरस्वती, चक्रेश्वरी, शिखरजी भोमिया व बटुक भैरव की प्रतिमा लगेगी।