बीकानेर,पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों की याद में रविवार को सार्दुल गंज स्थित लॉयंस क्लब परिसर में रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें 75 यूनिट रक्त संग्रहित किया गया। बीकानेर में पहली बार कोई रक्तदान शिविर पुलिस के साये में हुआ है।
राजपूत एवं रावणा राजपूत समाज की ओर से आयोजित शिविर में पीबीएम हॉस्पिटल के ब्लड बैंक की टीम ने रक्त संग्रहित किया। नोखा विधायक बिहारी बिश्नोई, आनंदपाल के भाई मनजीत सिंह, रावणा राजपूत समाज के अध्यक्ष मल सिंह चौहान, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष गजेंद्र सिंह सांखला सहित बड़ी संख्या में युवाओं ने पुलवामा शहीदों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि व्यक्त की। इस अवसर पर बिहारी बिश्नोई ने कहा कि रक्तदान एक महान काम है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को रक्त देकर दूसरों का जीवन बचाने में योगदान देना चाहिए। मनजीत सिंह ने बताया कि राजस्थान के सभी जिलों में रक्तदान शिविर लगाए जा रहे हैं। यह शिविर 24 जुलाई तक चलेंगे। एबी ग्रुप ( आनंदपाल बलवीर ग्रुप) नाम से एप के जरिए जरूरतमंद व्यक्ति रक्त के लिए उनसे संपर्क कर सकता है। कार्यक्रम में मोहन सिंह हाथौज, धर्मेंद्र सिंह खींवसर, मल सिंह, भंवर सिंह, रामदेव सिंह, साजिद सुलेमानी, अता उल्ला खान आदि मौजूद रहे। सामाजिक कार्यकर्ता कर्ण सिंह नरुका की टीम आयोजन में सक्रिय रही।
शिविर और हाइवे पर निगरानी, गाड़ियों की चैकिंग
रक्तदान शिविर में आनंदपाल का भाई मनजीत सिंह, बलवीर बानूड़ा और मोनू ग्रुप से जुड़े लोग काफी संख्या में होने से पुलिस दिन भर अलर्ट रही। सीओ सदर पवन भदौरिया के नेतृत्व में हाइवे सहित शहर में प्रवेश के रास्तों पर नाकेबंदी कर दी गई। बाहर से आने वाली गाड़ियों की चैकिंग की जा रही थी शिविर स्थल पर पुलिस और सिविल ड्रेस में डीएसटी की टीम सक्रिय थी। शिविर में आए प्रत्येक शख्स पर नजर थी। काफी युवा तो पुलिस को देख कर निकल लिए। दरअसल पुलिस को गैंगवार का डर था क्योंकि मनजीत हाल ही में सभी मुकदमों में बरी हुआ है। राजू ठेहट और आनंदपाल गैंग में दुश्मनी को देखते हुए पुलिस आपराधिक किस्म के लोगों पर नजर रखे हुए थी। उनकी सोशल साइट की भी निगरानी रखी जा रही है। शिविर के समापन के बाद मनजीत को पुलिस की निगरानी में बीकानेर सीमा तक छोड़ा गया। रक्तदान शिविर में आपराधिक किस्म के लोगों के आने का इनपुट मिला था। गैंगवार की आशंका के कारण चारों तरफ कड़ी निगरानी रखी गई। शिविर शांतिपूर्ण तरीके से हो गया। पवन भदौरिया, सीओ सदर