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बीकानेर,केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नए प्रदेशाध्यक्ष सी पी जोशी और प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़, संभाग और प्रदेश से आए पार्टी के नेताओं के समक्ष इंगित किया कि यह मंच और टैंट महापौर की ओर से लगाया गया है। इसके पीछे की मानसिकता क्या है? इतनी छोटी बात केंद्रीय मंत्री क्यों कहते हैं। क्या स्वार्थ और क्या राजनीतिक स्ट्रेटेजी है। बीकानेर में भाजपा की राजनीति करने वाले सब समझते हैं। मंच पर लगे पोस्टर से भी राजनीतिक गुटबाजी और मनमानी झलकती है। इस मंच पर लगे बैकड्रॉप को लेकर भी भाजपा नेताओं में चर्चा रही। भाजपा के तीनों विधायक कहां गए। मंच पर सुरेंद्र सिंह शेखावत, दिलीप पूरी और गुमान सिंह राजपुरोहित की बिना किसी प्रोटोकॉल के उपस्थिति भाजपा में नई गुटबाजी के स्वर बन रहे हैं। इसके पीछे जिनकी शह मानी जा रही है पार्टी के कार्यकर्ता उन्हें कोस रहे हैं। जन आक्रोश रैली में 20 हजार की भीड़ का लक्ष्य बताया गया। आई कितनी उल्लेख की जरूरत ही नहीं है।
प्रदेश भाजपा की ओर से भेजे डिजाइन के उल्ट महापौर, दोनों जिला अध्यक्ष को प्रदेश अध्यक्ष और प्रतिपक्ष के नेता से ज्यादा तरजीह क्यों दी गई? तीनों विधायकों के फोटो क्यों गायब हुई है। इसके पीछे जिम्मेदार नेताओं की संकीर्ण सोच है या पार्टी में अनदेखी जो पूरे कार्यक्रम में झलकती है। महापौर और जिलाध्यक्षों से प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की फ़ोटो भी छोटे क्यों लगाए गए हैं। महापौर और जिलाध्यक्ष को हाइलाइट करने में सारा प्रोटोकॉल ही नजरंदाज कर दिया गया। बीकानेर, लूणकरणसर व नोखा के विधायक जो भीड़ लेकेर आए बैनर से ही नदारद। सिद्धि कुमारी की तो पूछ ही नहीं हुई। यह रवैया मंच पर बैठाने को लेकर रहा। जो लोग बिना तय प्रोटोकॉल के ही मंच पर थे उनसे ज्यादा ओहदे वालों को दरकिनार कर आगे जगह क्यों दी गई। इस आयोजन से संगठन और नेताओं के बीच नाराजगी का स्तर और बढ़ा। कई नेताओं ने तो मौके पर ही नाराजगी का इजहार कर दिया। बाकी कसर आयोजन में लोगों की उपस्थिति और नेताओं के आपसी रवैए से सामने आ गई। इन सबके बावजूद प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ ने सधे अंदाज में अशोक गहलोत सरकार और राजस्थान कांग्रेस पर उठाए सवाल जनता के गले उतरने वाले रहे। राठौड़ के सवाल जब जन जन तक पहुंचेंगे तब कांग्रेस के पास बचाव में जन कल्याणकारी योजनाओं के ढिढौरे के अलावा कहने को ज्यादा कुछ नहीं बचेगा। अभी कांग्रेस का प्रचार तंत्र एक तरफा काम कर रहा है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी प्रदेश की राजनीति में मे मुखर होकर उभरे। अशोक गहलोत को नसीहत देकर मेघवाल ने अपना कद बढ़ाया है। वही मोदी की ढाल उन्होंने हर जगह अपने आगे रखी।

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