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बीकानेर,चूरू, इस बार लोकसभा चुनाव के लिए शेखावाटी में भाजपा की स्थिति काफी डांवांडोल है। चूरू को छोड़कर शेखावाटी में भाजपा उम्मीदवार जनता के मन से उतरे हुए है। झुंझुनूं में भाजपा उम्मीदवार ने अपने जीवन में कभी लोकसभा के गांवों को नहीं देखा, बस दूसरे लोगों के संबंध में उल्टा सुलटा ही बोलते रहते हैं। लोगों का कहना है कि मोदी के हाथों इस बार अड़क बीज बोया गया। झुंझुनूं भाजपा में और भी तो समर्पित नेता हैं, उन्हें क्यों अनदेखा किया गया। इसलिए यह सीट कांग्रेस को तोहफे में ही मिल गई मानो। इसी प्रकार सीकर में भी भाजपा उम्मीदवार पर जनता से दूर रहने के आरोप लग रहे हैं, आजकल जनता अपने नेता को सुख दुख में अपने बीच चाहती है। वरना वह किसी की छाप नहीं रखती है। सीकर में रही सही कसर ताजा ताजा मिली कुर्सी के नशे में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और कला एवं संस्कृति मंत्री दिया कुमारी ने पूरी कर दी। मानो कह रहे हों कि भाजपा हारे तो हारे मोदी का सपना टूटे तो टूटे उनकी कुर्सी तो हिलेगी नहीं। इधर चूरू में भाजपा को कोई जोर नहीं आने वाला है, चूरू में तो कांग्रेस वाले छुट भैया नेता खुद ही राहुल कसवां की जमानत जप्त करवा देंगे। इनको रफीक मंडेलिया जैसे वरिष्ठ नेताओं की नैया डूबोने का पूरा अनुभव है। चूरू में जिस प्रकार कांग्रेस वाले छुट भैया नेता अपने उम्मीदवार की बत्ती बंद करने में लगे हैं, उसी तरह भाजपा के कई नेता भी अपने उम्मीदवार की चिमनी चासने में लगे हैं। कोई किसी का सगा है तो कोई कुछ और। मजे की बात देखो चूरू की कांग्रेस और भाजपा दोनों में ही अपने उम्मीदवारों के खिलाफ पूरा लूट तंत्र काम कर रहा है। कुल मिलाकर लोग नरेंद्र मोदी की तरफ देखकर ही वोट करेंगे। राजस्थान में कांग्रेस वैसे ही अशोक गहलोत और बीडी कल्ला जैसे नेताओं के कारण आज मरी हुई है। शायद अब कुछ जान आ जाए।

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