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बीकानेर,10 मार्च घोषित पांच राज्यों के चुनाव परिणामों से देशवासियों ने राहत की सांस ली है। चुनाव भले ही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में हुए हो, लेकिन देशवासियों के मन में परिणामों को लेकर धुकधुकी लगी हुई थी। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में प्रचार के दौरान जिस तरह हिन्दू और मुस्लिम के बीच विभाजन देखने को मिला उससे अनेक आशंकाएं उत्पन्न हो रही थी। कयास लगाए जा रहे थे कि यदि अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो क्या हालात उत्पन्न होंगे। अनेक आशंकाओं को देखते हुए ही चुनाव आयोग ने 10 मार्च को उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विजय जुलूस निकालने पर रोक लगा दी थी। लेकिन दोपहर होते होते आयोग ने अपने इस आदेश में ढील दे दी। तमाम दावों और आशंकाओं को नकारते हुए उत्तर प्रदेश की जनता ने सबका का साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन पर भरोसा जताते हुए भाजपा को बहुमत दिलवाया। 403 सीटों में भाजपा को 260 से ज्यादा सीटों पर बढ़त है, इसलिए यह तय माना जा रहा है कि अब योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही भाजपा की सरकार बनेगी। पिछले पांच वर्ष के शासन में उत्तर प्रदेश के लोगों ने जिस तरह अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनते देखा और जिस प्रकार देवों के देव महादेव की नगरी बनारस में विकास हुआ उससे सभी प्रसन्न दिखे। यूपी में पिछले पांच वर्ष में खुशहाली का जो माहौल देखने को मिला उसका परिणाम भी रहा की लोगों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया। यूपी में कानून व्यवस्था का मुद्दा भी बड़ा रहता है। लेकिन योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जिस तरह माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही की गई उसकी सराहना सब जगह हुई। उत्तर प्रदेश के लोगों को पिछले एक वर्ष से 10 किलो अनाज भी नि:शुल्क मिला। जिस अनाज को पांच वर्ष पहले तक राशन माफिया हड़प कर जाते थे, वही अनाज गरीबों के घर घर तक पहुंचा। योगी आदित्यनाथ ने जो सुशासन किया उसी का परिणाम है कि वे 35 वर्ष बाद ऐसे मुख्यमंत्री बने हैं जो लगातार दूसरी बार सत्ता संभालेंगे।

उत्तराखंड और मणिपुर में भी सरकार रिपीट:
70 सदस्य उत्तराखंड में भी भाजपा को बढ़त मिली है। यहां 45 सीटों पर भाजपा को बढ़त है तो वहीं कांग्रेस की बढ़त 21 सीटों पर बताई जा रही है। कांग्रेस को उम्मीद थी कि इस बार उत्तराखंड में भाजपा के हाथ से सत्ता छीन ली जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 60 सीटों वाले मणिपुर राज्य में भी भाजपा को 30 सीटों पर बढ़त है। 40 सीटों वाले गोवा में भाजपा की बढ़त 18 सीटों की जबकि सरकार बनाने के लिए 21 सीट चाहिए। यदि भाजपा को अपने दम पर 21 सीट नहीं मिलती है तो जोड़ तोड़ कर भाजपा सरकार बनाने में सफल रहेगी।

पंजाब में आप सफल:
पंजाब में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार बनना तय है। पंजाब में भाजपा को कोई सफलता नहीं मिली है। यहां तक कि भाजपा के सहयोगी दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी पटियाला से चुनाव हार गए है। पंजाब में भाजपा की जो बुरी गत हुई है उस पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को आत्मविश्लेषण करना चाहिए। क्या कारण है कि यूपी में भाजपा को लगातार दूसरी बार सरकार बनाने का अवसर मिलता है, लेकिन वहीं यूपी सीमा से लगे पंजाब में भाजपा का खाता भी नहीं खुलता। इसमें कोई दो राय नहीं की पंजाब के लोगों ने दिल्ली में केजरीवाल सरकार के प्रदर्शन को देखते हुए ही आम आदमी पार्टी को बहुमत दिलवाया है। यह बहुमत भी एक तरफा है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां पंजाब में केजरीवाल का मुकाबला नहीं कर पाई है।

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