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बीकानेर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो गये है। दलों के साथ साथ पार्टियों से उपेक्षित चल रहे नेताओं ने भी शक्ति प्रदर्शन कर अपनी ताकत का अहसास पार्टी को दिखाना शुरू कर दिया है। जहां कांग्रेस में सचिन पायटट गुट सक्रिय हो गया है,वहीं भाजपा में भी साइड लाइन चल रही पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे का गुट भी सक्रिय हो गया है और अब दोनों ही पार्टी के साइड लाइन नेता अपने शीर्ष नेतृत्व को खुली चुनौती देते नजर आ रहे है। जानकारी मिली है कि पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे 9 अ क्टूबर को बीकानेर दौरे पर रहेंगी। जिसको लेकर आज पूर्व मंत्री यूनुस खान ने कद्दावर नेता देवीसिंह भाटी से मुलाकात कर भाजपा खेमे में हलचल पैदा कर दी है। इस दौरान यूनुस खांन ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को भी गलतफहमी न पालने की हिदायत दे दी है। यूनुस खान, राजपाल सिंह शेखावत और पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी से देशनोक में आज दूसरी बार मुलाकात की। करणी माता के दर्शन करने के बाद अशोक परनामी ने कहा कि 9 अक्टूबर को वसुंधरा राजे मां करणी के दर पर हाजिरी लगाने आएंगी। जहां से वह सीधे बीकानेर जाएंगे और बीजेपी नेताओं से मुलाकात करेंगे। यूनुस खान ने कहा कि किसी भी नेता को गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए। वसुंधरा राजे दो बार की मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और पांच बार सांसद रह चुकी हैं। वह राजस्थान में बीजेपी का सबसे पसंदीदा चेहरा है। यूनुस खान के बयान से एक बार फिर से बीजेपी दो गुटों में बंटी हुई नजर आएगी। जहां एक और केंद्रीय नेतृत्व के वरदहस्त से सतीश पूनिया राजे को साइडलाइन करने में जुटे हैं तो वहीं वसुंधरा राजे चुनाव से पहले ही अपनी शक्ति का एहसास कराने में जुट गई है। गौरतलब रहे कि देवी सिंह भाटी ने भी एक महीने पहले साफ कर दिया था कि वह बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर भी चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में इन बैठकों के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे है।

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