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जयपुर,राजस्थान में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया  रविवार को अकेले ही जैसलमेर जिले में पोकरण से रामदेवरा (Ramdevra) धार्मिक स्थल पर पदयात्रा पर निकले।इससे भाजपा (BJP) नेताओं की आपसी फूट सार्वजनिक हो गई। प्रदेश का कोई वरिष्ठ नेता पूनिया के साथ पदयात्रा में शामिल नहीं हुआ।

इंटरनेट मीडिया पर लिखा, सफर में धूप तो होगी, जो चल सको चलो…

सतीश पूनिया ने इंटरनेट मीडिया (फेसबुक) पर लिखा, सफर में धूप तो होगी, जो चल सको चलो। सभी हैं भीड़ में, तुम भी निकल सको तो चलो। किसी के वास्ते राहें कहां बदलती है। तुम अपने आप को खुद ही बदल सको तो चलो।

जाज्वला माता मंदिर में भी किए दर्शन

सतीश पूनिया ने सुबह पोकरण में जाज्वला माता मंदिर में दर्शन कर रामदेवरा तक पदयात्रा शुरू की। करीब ग्यारह किलोमीटर पैदल चलकर रामदेवरा में उन्होंने पूजा-अर्चना की। दरअसल, पैदल यात्रा के कार्यक्रम की जानकारी जैसलमेर-बाड़मेर के सांसद और केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, दोनों जिलों के भाजपा विधायकों व वरिष्ठ नेताओं को दी गई थी, लेकिन इनमें से कोई भी सतीश पूनिया के साथ पदयात्रा में शामिल नहीं हुआ। इस पर पूनिया खुद अकेले ही पदयात्रा पर चल पड़े।

पुनिया के साथ कोई नहीं गया

हालांकि बाद में पूर्व विधायक शैतान सिंह, पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रहे महंत प्रतापपुरी सहित करीब एक दर्जन नेता पदयात्रा में शामिल हुए। इससे पहले पूनिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, सांसद पीपी चौधरी व राजेंद्र गहलोत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को हवाई अड्डे पर विदाई दी। शाह दो दिन राजस्थान के दौरे पर थे। इसके बाद सभी नेता चौधरी के आवास पर जुटे, लेकिन पूनिया के साथ कोई नहीं गया।

राजस्थान की खुशहाली की कामना की

जोधपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने पोकरण (Pokaran) से रामदेवरा (Ramdevra) करीब 12 किलोमीटर की पद यात्रा (Pad Yatra) कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। पूनिया ने रविवार सुबह यात्रा शुरू कर अपराह्न बाद लोक देवता बाबा रामदेवरा के दर्शन कर राज्य व भाजपा परिवार की खुशहाली की मनोकामना की है। सतीश पूनिया को इस पूरी यात्रा को पूरा करने में करीब तीन घंटे का समय लगा।

पूनिया के पैदल यात्रा की सूचना मिली तो स्थानीय कार्यकर्ता भी साथ चल दिए

सतीश पूनिया रविवार को बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक दोपहर शक्ति स्थल पोकरण से भक्ति स्थल रामदेवरा के लिए हाथ में बाबा का झंडा थामे जयकारे लगाते हुए पदयात्रा पर निकले। पूनिया को अचानक सड़क पर अकेले पैदल चलते देख राहगीर व स्थानीय जन आश्चर्य में पड़ गए। पूनिया बिना किसी लाव लश्कर के आमजन की तरह अकेले ही बिना किसी प्रायोजित प्रोग्राम के पैदल यात्रा पर रवाना हुए। बाबा के दरबार में हाजिर होने के लिए जब पूनिया के पैदल यात्रा की सूचना मिली तो स्थानीय कार्यकर्ता और भाजपा नेता महंत प्रताप पुरी व पूर्व विधायक शैतान सिंह सहित स्थानीय मंडल कार्यकर्ता भी पदयात्रा में सम्मिलित हुए।
बाबा के दरबार में की पूजा-अर्चना

सतीश पूनिया ने कहा कि मेरी काफी समय से रामदेव जी के समाधि स्थल रामदेवरा पैदल चलकर बाबा के दरबार में पूजा-अर्चना करने की इच्छा थी। बाबा के दरबार में मत्था टेक प्रदेश की खुशहाली व पार्टी को अजेय व अभेद्य बनाने के लिए काफी समय से मंशा थी। पूर्व में कार्यक्रम भी बना था, लेकिन अमित शाह की यात्रा के दौरान पैदल यात्रा को टाल दिया गया। बूथ सम्मेलन कार्यक्रम के सफल आयोजन होने के बाद अगले दिन रविवार को पूनिया बिना किसी को कहे चुपचाप अकेले बाबा रामदेव की यात्रा के लिए निकल पड़े।

12 किलोमीटर की पदयात्रा

शक्ति स्थल पोकरण से भक्ति स्थल रामदेवरा की 12 किलोमीटर की पदयात्रा तय कर रविवार रामदेवरा में बाबा रामदेव जी की समाधि स्थल के दर्शन कर पूजा-अर्चना में शामिल हुए। मंदिर परिसर में भजन मंडली के साथ रामदेव जी के भजन व गीत गाकर आराधना की। आध्यात्मिक भक्तिमय वातावरण से सभी भक्तजन भाव विभोर हुए। पूनिया ने यह भी कहा कि लोक देवता का आज भी चमत्कार है। बाबा के बुलावे पर ही दर्शन होने हैं। बाबा ने मुझे आज ही के दिन बुलाया है। बाबा का आदेश शिरोधार्य है। हम सभी के लिए बाबा रामदेव जी आस्था और विश्वास के केंद्र हैं और आगे भी रहेंगे।

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