बीकानेर,राजस्थान के जयपुर में साल 2008 में हुए बम धमाका मामले में जान गंवाने वालों को लेकर आज मंगलवार को भाजपा ने जिला कलेक्टर पर धरना-प्रदर्शन कर कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया इस दौरान बीजेपी नेताओं ने गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की लापरवाही और कमजोर पैरवी के चलते जिन अपराधियों को फांसी होनी चाहिए थी, उन्हें बरी कर दिया गया। यह कांग्रेस सरकार की नाकामी को प्रदर्शित करती है।
बीकानेर में धरने के दौरान भाजपा शहर जिलाध्यक्ष विजय आचार्य ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीति होती है, लेकिन राजनीति मूल्यों के आधार पर होती है सिर्फ तुष्टिकरण करके कांग्रेस सरकार वापस सत्ता में नहीं आ सकती है कांग्रेस जनता को मूर्ख नहीं बना सकती जनता समझदार है जो कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति को समझ चुकी है राजस्थान सरकार की लापरवाही और कमजोर पैरवी के चलते जिन अपराधियों को फांसी होनी चाहिए थी उन्हें बरी कर दिया गया यह कांग्रेस सरकार की नाकामी को प्रदर्शित करती है।
देहात जिलाध्यक्ष जालम सिंह भाटी ने कहा जयपुर में हुए बम धमाकों से जहां एक ओर पूरा शहर 2008 में दहल गया था। लोगों ने धमाके में घायल हुए लोगों को खून देने के लिए ब्लड बैंक के बाहर कतार लगा दी थी जनता के साथ उन पीड़ित परिवारों को भी आशा थी कि इस धमाके के गुनहगारों को फांसी की सजा मिलेगी लेकिन इसके उल्टे कांग्रेस सरकार की ओर से तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए ऐसा फैसला आना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसका जिम्मेदार कौन है, यह प्रश्न प्रदेश की जनता और पीड़ित परिवार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछते हैं।
नोखा विधायक बिहारीलाल विश्नोई ने कहा कि जहां 71 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, वहीं एक जिंदा बम भी मिला था धमाके के समय राजस्थान में भाजपा की सरकार थी जो इस केस को स्पेशल कोर्ट में ले जाकर गुनहगारों को फांसी की सजा तक लेकर गई लेकिन जैसे ही राजस्थान में कांग्रेस सरकार आई उसकी तुष्टिकरण की राजनीति का परिणाम जनता के सामने है विश्नोई ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा सलमान खुर्शीद कहते थे कि जब आतंकवादी मारे गए, सोनिया गांधी के आंखों से अश्रुधारा नहीं रुक रही थी लेकिन आज बेगुनाहों को मारने वाले अपराधियों को बेगुनाह साबित कर क्या किसी कांग्रेस नेता के आंखों में आंसू है मैं उन पीड़ित मां-बहन-भाई और किसी माथे के सिंदूर की भावनाओं को समझ सकता हूं कि उनपर क्या बीत रही होगी। लेकिन भाजपा सिर्फ अच्छे समय में ही नहीं, बल्कि जनता के साथ विपरीत समय में भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है जब तक इन जघन्य अपराधियों को फांसी के तख्ते पर नहीं पहुंचाएंगे भाजपा कार्यकर्ता चैन से नहीं बैठेंगे।
महापौर सुशीला कंवर ने कहा कि मुझे आश्चर्य होता है कि इतने गंभीर मामले में भी इस प्रकार की ढिलाई कांग्रेस सरकार कैसे कर सकती है घटना चाहे उदयपुर की कन्हैयालाल की हो, धौलपुर की हो, भीलवाड़ा की हो या करौली की हो कांग्रेस सरकार राजस्थान में तुष्टिकरण की सारी हदें पार कर चुकी है।
पूर्व संसदीय सचिव विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि तब तक उन सभी मृत आत्माओं को शांति नहीं मिलेगी जब तक इन गुनहगारों को फांसी पर चढ़ा नहीं दिया जाता 13 मई 2008 को हुए जघन्य अपराध में 71 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी और सैकड़ों लोग जख्मी हुए थे उन सभी परिवारों को सच्चा इंसाफ तब ही मिलेगा जब गुनहगारों को फांसी पर लटका दिया जाएगा।
पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति और अनुसंधान की कमी के चलते गुनहगारों को बरी कर दिया गया जो बहुत ही दुखद विषय है अब तो इसका जवाब जनता की ओर से आगामी चुनाव में दिया जाएगा अब अति हो चुकी है जिसके परिणाम 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पांच-छह सीटों के साथ विधानसभा में जाना पड़ेगा।
आज के धरने प्रदर्शन में भाजपा शहर जिलाध्यक्ष विजय आचार्य, देहात जिलाध्यक्ष जालम सिंह भाटी, विधायक बिहारीलाल विश्नोई,महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित, पूर्व संसदीय सचिव विश्वनाथ मेघवाल, उपमहापौर राजेंद्र पंवार, प्रदेश कार्यकारणी सदस्य सत्यप्रकाश आचार्य, मुमताज अली भाटी, महामंत्री मोहन सुराणा, कुंभाराम सिद्ध, नरेश नायक, अनिल शुक्ला, अविनाश जोशी, गोकुल जोशी, अशोक प्रजापत, कोशल शर्मा, अरुण जैन, मधुरिमा सिंह, रमजान अब्बासी, हनुमान चावड़ा, भूपेंद्र शर्मा, आनंद सिंह भाटी, इंद्र ओझा, भागीरथ मुंड, सांगीलाल गहलोत, भंवर लाल जांगिड़, बाबूलाल गहलोत, पाबुदान सिंह राठौड़, सुमन छाजेड़, भारती अरोड़ा, विजय उपाध्याय, सुखराम दावा,महेश मुंड, शिवराज विश्नोई, अशोक भाटी, प्रदीप उपाध्याय, बजरंग सोखल, शिव मारू, भंवरलाल साहू, अनूप गहलोत, पुनीत शर्मा, रामरतन पंचारिया, जतिन सहल, पंकज अग्रवाल, प्रोमिला गौतम, सुधा आचार्य, सुषमा बिस्सा, दिलीप पूरी, हुकमाराम सोनी, सोहन लाल चांवरिया, राजाराम सीगड़, जेठमल नाहटा, विनोद करोल, दिनेश महात्मा, देवकिशन मारू, नरसिंह सेवक, पंकज गहलोत,अनिल हर्ष, सादुल सिंह रावत, सुभाष बाल्मिकी, श्रवन सिंह, सीटू रावत, कमल गहलोत, दीपक गहलोत, मघाराम नाई के साथ भाजपा शहर, देहात के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।