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राजगढ़ में अतिक्रमण हटाने के दौरान मंदिर पर बुलडोजर चलाए जाने की घटना पर सियासत गरमा गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जयपुर में सिविल लाइन आवास पर प्रेसवार्ता बुलाकर कहा कि राजगढ़ में नगरपालिका क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया गया है। जिस पर बीजेपी नेता गलत बयानबाजी कर रहे हैं। उस मंदिर के अतिक्रमण हटाने का काम वसुंधरा राजे की पिछली बीजेपी सरकार के समय शुरू हुआ था। बीजेपी राजगढ़ मंडल अध्यक्ष सत्येन्द्र सैनी की ओर से मंदिर हटाने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया था। जबकि नगरपालिका में भी बीजेपी का बोर्ड है। नगर पालिका बोर्ड में ही अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव पारित किया गया। बोर्ड में 90 फीसदी बीजेपी पार्षद हैं। डोटासरा ने कहा पिछली वसुंधरा राजे सरकार में सेकड़ों मंदिर तोड़े गए थे। बीजेपी का नगरपालिका बोर्ड इसके लिए दोषी है। कांग्रेस कभी धार्मिक आस्था के केंद्र से छेड़छाड़ नहीं करती। डोटासरा ने कहा बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पूनिया अपने राजगढ़ मंडल अध्यक्ष के खिलाफ कार्यवाही करें। उन्होंने कहा अब कांग्रेस मंदिर में मूर्तियां पुनर्स्थापित करवाएगी।

क्या अकेला पालिका बोर्ड ही अतिक्रमण को तोड़ने का फैसला करता है : डॉ.पूनियां

उदयपुर। राजगढ़ कस्बे (अलवर) में भगवान शिव मंदिर तोड़े जाने के मामले पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने उदयपुर में मीडिया से बातचीत कहा कि, राजस्थान के अलवर जिले में स्थित राजगढ़ कस्बे में 300 वर्ष पुराने भगवान शिव मंदिर पर पब्लिक डोमेन में बुलडोजर चलता हुई दिखाई देता है, इसके बारे में कांग्रेस के नेता अलग अलग बयानबाजी कर रहे हैं। जो मेरी जानकारी में आया और जिसके आधार पर हमने पार्टी की एक कमेटी का गठन किया है, जो मौके पर जाकर तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करेगी। राजगढ़ में 300 वर्ष पुराने शिव मंदिर को तोड़ने की घटना सुर्खियों में है। जो सनातन परंपरा के लोग हैं उनको पता है कि प्राचीन मंदिर प्रदेश, देश और समाज की पूंजी हैं, उनको कांग्रेस सरकार के शासन में निर्दयता से तोड़ना, उसके बाद चोरी और सीनाजोरी। कांग्रेस सरकार के लोग इन सारी चीजों की तोहमत भाजपा के नगर पालिका बोर्ड पर लगाते हैं, क्या अकेला बोर्ड ही अतिक्रमण को तोड़ने का फैसला करता है? डीएलबी, प्रशासन, सरकार, अधिकारी यह पूरी प्रक्रिया है जिसके आधार पर ऐसे निर्णय लिये जाते हैं।

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