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बीकानेर,जयपुर। संयुक्त अभिभावक संघ ने शनिवार को राज्य की कांग्रेस सरकार और प्रमुख विपक्षी दल भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ” दोनों दल मुद्दों से ध्यान भटकाने की राजनीति कर निजी स्कूलों की लूट को संरक्षण दे रहे है। ” निजी स्कूलों की फीस को लेकर पिछले डेढ़ साल से चले आ रहे इस मसले का अब भाजपा और कांग्रेस एक मंच पर आकर निजी स्कूल संचालकों के हाथों की कटपूतलिया बन बच्चों के स्वास्थ की अनदेखी कर अभिभावकों के साथ विश्वासघात करने में लगे है। चूंकि फीस को लेकर चल रहा विवाद अकेले राजस्थान का नही बल्कि पूरे देश का है। प्रत्येक राज्य ने अभिभावक निजी स्कूलों की लूट से तंग आ चुका है और लगातार राज्य सरकारों से निजी स्कूलों की शिकायत करने के बावजूद सुनवाई नही हो रही है।

प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि एक सोची-समझी साजिश के तहत शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों के हितों को अनदेखा कर उन्हें गुमराह करने की योजना बनाई है। जिसके चलते निजी स्कूलों की लूट को संरक्षित किया जा सके। देश और राज्यो का अभिभावक लगातार केंद्र और राज्यो की सरकारों से मांग करता आ रहा है किंतु हर बार उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

जैन ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस अब खुलकर निजी स्कूलों के संरक्षण में आ चुकी है, इसका सबसे प्रमुख कारण स्पष्ट है, राजस्थान, छतीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड, पंजाब में कांग्रेस और उनके सहयोगियों की सरकार है तो हरियाणा, यूपी, एमपी, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, गोवा आदि राज्यो में भाजपा की सरकार है। इन सभी राज्यो में भाजपा और कांग्रेस दोनों अभिभावकों की मांगों पर चुप्पी साधे हुए बैठे है। इसी कारण राज्य की सत्ता पर काबिज कांग्रेस अपना राज धर्म भूले बैठी है और वही भाजपा अपना विपक्ष का धर्म भूले बैठी है।

*अभिभावक चाहते है स्कूल खुले किन्तु उनकी मांगों को नजरअंदाज ना किया जाए*

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य चन्द्र मोहन गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार, भाजपा और निजी स्कूलों के द्वारा एक प्रोपोगंडा फैलाया जा रहा है कि कुछ चुनिंदा अभिभावक स्कूल खुलने का विरोध कर रहे है। जबकि संयुक्त अभिभावक संघ यह स्पष्ट कर देना चाहता है कि प्रदेश का अभिभावक ना स्कूलो के विरोध है ना स्कूलो को खोले जाने के विरोध है। अभिभावक केवल सरकार और निजी स्कूलों की हठधर्मिता के खिलाफ है। बच्चो का भविष्य खराब ना हो उसके लिए अभिभावक भी चाहता है स्कूल खुले, किन्तु अभिभावकों की चिंता बच्चों की ” सुरक्षा और उनका स्वास्थ्य है “। अभिभावकों की मांगों को दरकिनार कर अगर स्कूलो को खोलने का निर्णय लिया जाता है तो ” राज्य सरकार और निजी स्कूलों ” को आगे आकर बच्चों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य की गारंटी और जिम्मेदारी उठानी चाहिए। तुगलकी फरमान जारी कर जबर्दस्ती फेसले थोपने नही चाहिए। अगर हठधर्मिता सरकार और स्कूल संचालक दिखा सकते है तो अभिभावक कमजोर नही एकजुट है। प्रेशर बना कर स्कूल संचालक बच्चे का रिजल्ट ही खराब कर सकता है किंतु बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करने नही दिया जाएगा। अभिभावकों को अपने बच्चों की सुरक्षा करनी आती है वह बच्चों के साथ बिल्कुल भी समझौता नही करेंगे।

*क्या केवल स्कूलो को खोलने की जिम्मेदारी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना आज दिनांक तक क्यो नही करवाई जा रही*

प्रदेश विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने कहा कि राज्य सरकार और निजी स्कूलों की हठधर्मिता की परकाशठा है की एक तरफ यह शिक्षा की बात करते है और वही दूसरी तरफ कानून की धज्जियां उठाते है। स्कूल ना खुलने से बच्चों का भविष्य तो सफर कर रहा है किन्तु सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आदेश की पालना ना करने के चलते जिन बच्चों और अभिभावकों के भविष्य को संकट में डाला जा रहा है उनके भविष्य की ना राज्य सरकार को चिंता सता रही है ना स्कूल संचालकों को चिंता सता रही है। 03 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था उसके बाद से आज दिनांक तक अभिभावक ” सुप्रीम कोर्ट के आदेश और फीस एक्ट 2016 ” की पालना सुनिश्चित करने की मांग कर रहे है। किंतु राज्य सरकार निजी स्कूलों के दबाव में कार्य कर बच्चों और अभिभावकों के भविष्य के साथ लगातार खिलवाड़ कर रही है। जिसमे अब उनको भाजपा का भी बखूबी साथ मिल गया है।

*किरोड़ीलाल मीणा केवल सुर्खिया बटोर रहे है मुद्दों से उनका कोई सरोकार नही*

संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि भाजपा राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा केवल सुर्खिया बटोरने को लेकर मुद्दों से ध्यान भटकाने की योजना पर कार्य कर रहे है। अभिभावकों, छात्रों के मुद्दों से उनका कोई सरोकार नही है। केंद्र सरकार के आदेश पर डॉ किरोड़ीलाल मीणा कांग्रेस की राज्य सरकार का साथ निभाने के लिए निजी स्कूलों का संरक्षण कर रहे है और अभिभावकों सहित शिक्षकों और छात्रों को गुमराह कर रहे है।

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