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बीकानेर ब.ज.सि. रामपुरिया जैन विधि महाविद्यालय के विधि विद्यार्थियों द्वारा आज न्यायिक कार्यवाहियों के व्यवहारिक एवं तकनीकी ज्ञान की जानकारी के अन्तर्गत बीकानेर के विभिन्न न्यायालयों का भ्रमण किया गया।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनन्त जोशी ने बताया कि विद्यार्थियों ने महाविद्य़ालय के व्याख्याताओं डॉ बाल मुकुन्द व्यास, डॉ रीतेष व्यास, डॉ. राकेश धवन,, डॉ. शराफत अली, डॉ. प्रीति कोचर, डॉ. परज सिंघवी के नेतृत्व में अलग अलग समुह बनाकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अपर जिला एवम् सत्र न्यायाधीश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट व सिविल न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालयों में चल रही सिविल एवं फौजदारी प्रकरणों के विभिन्न स्तरों के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा न्यायालय में चल रहे मुकदमे में वकीलों की बहस को सुना व प्रक्रियात्मक कार्यवाहीयों का अवलोकन किया व न्यायालय की तकनीकी प्रक्रियाओं को जाना।विद्यार्थियों को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 2 में न्यायाधीश हेमन्त जांगू ने राज्य बनाम ओमप्रकाश के मामले में की व्यवहारिक प्रक्रिया के बारे में अवगत करवाया। पारिवारिक न्यायालय संख्या 2 में न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार शर्मा ने विद्यार्थियों को कोमल राजपूत बनाम भंवर सिंह के मामले में सी.आर.पी.सी. धारा 125 तथा हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 13 में विवाह विच्छेद से संबधित प्रक्रियात्मक कार्यवाही की व्यवहारिक जानकारी देते हुए कानूनी बारिकियों से अवगत कराया।
विद्यार्थियों ने विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट एन.आई.एक्ट.संख्या 3 में श्रीमती अंशिका दिनकर से न्यायालय मे एन. आई. एक्ट की धारा 138 के तहत चल रही कार्यवाही के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा न्यायालय में चल रही विधिक कार्यवाही को भी बारिकी से जाना। इसके साथ ही विद्यार्थियों ने पीठासीन अधिकारी से विभिन्न प्रश्न पूछ कर अपनी जिज्ञासाओं का शांत किया। इसके अलावा विद्यार्थियों ने किराया अधिकरण, एनडीपीएस, विभिन्न अतिरिक्त सेशन न्यायालयों में चल रही कार्यवाहियों को देखा तथा वहां उपस्थित अधिवक्ताओं तथा पीठासीन अधिकारियों से न्यायालय में चल रही कार्यवाही के बारे में जानकारी प्राप्त की।मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दौलत सिंह तंवर ने विद्यार्थियों को कॉमर्शियल कोर्ट में होने वाली बारीकियों के बारे में विस्तार से समझाया तथा साथ ही विद्यार्थियों को बताया कि विधि के सैद्धान्तिक एवं व्यवहारिक पहलुओं में कुछ अन्तर होता है इसी अन्तर को कम करने का प्रयास इस तरह की न्यायिक भ्रमणों द्वारा किया जाता है जिससे विद्यार्थी अधिवक्ता के रूप में अपने कैरियर की सही शुरुआत करने में कामयाब होते हैं।
इस अवसर पर बीकानेर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं बार कॉसिंल ऑफ राजस्थान के सदस्य एडवोकेट कुलदीप शर्मा ने विद्यार्थियों को बार काउंसिल ऑफ इण्डिया में रजिस्ट्रेशन तथा ऑल इण्डिया बार एक्जाम में आने वाली प्रक्रियात्मक बारिकियों को समझाया।
विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए बार एसोशिएशन बीकानेर के अध्यक्ष एडवोकेट विवेक शर्मा ने सी.पी.सी. ऑर्डर 7 तथा ऑर्डर 8 के अनुसार न्यायालय में कार्यप्रणाली को समझाया तथा प्रक्रियात्मक विधियों के न्यायिक प्रक्रिया में महत्व को बताते हुए कहा कि सीपीसी तथा सीआरपीसी का व्यवहारिक ज्ञान प्रत्येक विधि विद्यार्थी तथा अधिवक्ता के लिए आवश्यक है। इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के बारे में भी विद्यार्थियों को अवगत करवाया।
इस अवसर पर बार एसोशिएसन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट कमल नारायण जी पुरोहित ने भी छात्रों को प्रेरित किया।
बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष तथा पूर्व सभापति एडवोकेट मुमताज अली भाटी ने सेशन न्यायालय में क्रीमिनल मामलों में सेशन ट्रायल के बारे में विद्यार्थियों को प्रक्रियात्मक पहलूओं के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव एडवोकेट जितेन्द्र सिनसिनवार, एडवोकेट बजरंग छींपा, एडवोकेट तेजकरण राठौड., एडवोकेट राधेश्याम, एडवोकेट वेणुगोपाल पुरोहित, एडवोकेट संजीव जोशी ने भी विद्यार्थियों को न्यायिक भ्रमण के दौरान सक्रिय सहयोग किया।
प्रायोगिक प्रभारी डॉ. रीतेश व्यास ने पीठासीन अधिकारियों तथा बीकानेर बार के अधिवक्ताओं एवं स्टाफ का सक्रिय सहयोग के लिए महाविद्यालय की ओर से आभार व्यक्त किया। इससे पूर्व विद्यार्थियों के द्वारा बारबार एसोशिएसन बीकानेर तथा न्यायिक अधिकारियों के साथ उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायाधिपति श्री आर. सी. लाहोटी के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजली प्रदान की।

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