बीकानेर,अतिरिक्त मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) एवं संयुक्त निदेशक (जीवनांक), जयपुर के निर्देशानुसार कार्यालय आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, बीकानेर में सीआरवीएस कन्सलटेंशन वर्कशाॅप का आयोजन आज किया गया जिसकी अध्यक्षता महावीर प्रसाद ओझा, उपनिदेशक, आर्थिक एवं सांख्यिकी, बीकानेर द्वारा की गई तथा मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ. धीरेन्द्र कुमार, प्रोफेसर एवं डाॅ. नयन प्रकाश गांॅधी, कार्यक्रम अधिकारी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, जयपुर उपस्थित हुए।
कन्सलटेंशन वर्कशाॅप का आयोजन यूनिसेफ एवं आईआईएचएमआर तथा कार्यालय आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, बीकानेर के संयुक्त तत्वाधान में किया गया।
कन्सलटेंशन वर्कशाॅप में बीकानेर जिले के सभी ब्लाॅक सांख्यिकी अधिकारी, नगर निगम, पीबीएम चिकित्सालय, बीकानेर के प्रतिनिधि एवं संबंधित रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु), चिकित्सा अधिकारी एवं कार्मिक तथा प्रतिनिधि उपस्थित हुए। वर्कशाॅप में राजीव गांॅधी युवा मित्रों की उपस्थिति भी रही।
कार्यक्रम का संचालन भरत सोलंकी, सहायक प्रोग्रामर द्वारा किया गया जिसमें महावीर प्रसाद ओझा, उपनिदेशक आर्थिक एवं सांख्यिकी, बीकानेर के मार्गदर्शन अनुसार उपस्थित समस्त का परिचय करवाते हुए सिविल रजिस्ट्रेशन प्रणाली की महत्ता तथा रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) एवं उपरजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) में आ रही कठिनाईयों के निराकरण में संबंधित विभागों की सार्थकता बताई गई।
डाॅ. धीरेन्द्र कुमार, प्रोफेसर के द्वारा प्रभावी प्रस्तुतिकरण दिया गया जिसमें वर्तमान में सीआरवीएस प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने पर जोर दिया। डाॅ. धीरेन्द्र कुमार, ने बताया कि राजस्थान में पहचान पोर्टल अन्य राज्यों की तुलना में अधिक प्रभावी कार्य कर रहा है। अधिकारियों एवं कार्मिकों को चाहिए कि ई-गवर्नेंस का लाभ आमजन तक पहुंचे।
डाॅ. नयन प्रकाश गांॅधी, कार्यक्रम अधिकारी द्वारा बताया गया कि सीआरएस प्रणाली को अब तक आ रही समस्याओं को दूर कर इसे और मजबूत बनाना ही यूनिसेफ एवं आईआईएचएमआर का उद्देश्य है।
श्री लक्ष्मी नारायण उपाध्याय एवं भागीरथ आचार्य ,रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) एवं ग्राम विकास अधिकारी भी विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित हुए एवं उपाध्याय द्वारा वर्तमान में अंतिम छोर पर आ रही कठिनाईयों से अवगत करवाया तथा आचार्य द्वारा पहचान पोर्टल पर लंबित प्रकरणों की जानकारी भी रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) को मोबाईल संदेश द्वारा उपलब्ध करवाने हेतु सुझाव देते हुए जमीनी स्तर पर आ रही समस्याओं एवं उनके निराकरण से संबंधित चर्चा की गई।
आईआईएचएमआर दल द्वारा सिविल रजिस्ट्रेशन प्रणाली को मजबूती प्रदान करना, समयबद्ध पंजीकरण तथा ई गवर्नेंस क्षेत्र में राजस्थान राज्य को सेंटर आॅफ एक्सीलेंस का माॅडल बनाया जाये ताकि अन्य राज्य भी इस माॅडल से प्रेरित हो के संबंध में प्रजेंटेशन दिये गये। वर्कशाॅप में मृत्यु का चिकित्सकीय प्रमाणीकरण भी हो इस संबंध में संबोधित किया गया। रजिस्ट्रार जन्म मृत्यु एवं ग्राम विकास अधिकारी भागीरथ आचार्य ने पहचान पोर्टल पर आमजन को असुविधा के लिए कुछ सरलीकरण किये जाने की आवश्यकता बताई जिसमें डबल नाम होने की स्थिति में उर्फ का प्रावधान हो,निजीव रजिस्टर्ड विवाह करवाने वाली संस्थाओं जैसे आर्य समाज अथवा अन्य कोई जो भी हो कि पोर्टल पर जानकारी हो,
आचार्य द्वारा दिये गए सुझावों पर गौर किया जाएगा। भरत सोलंकी सहायक प्रोग्रामर द्वारा आज के कार्यक्रम का प्रोजेक्टर के माध्यम से बेहतर प्रदर्शन किया गया।
उपनिदेशक द्वारा आचार्य व लक्ष्मीनारायण उपाध्याय को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के समापन पर समस्त उपस्थित जनों को सामग्री किट का वितरण किया गया एवं महावीर प्रसाद ओझा, उपनिदेशक आर्थिक एवं सांख्यिकी, बीकानेर द्वारा समस्त उपस्थित जनों का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया गया