बीकानेर कैमल फैस्टिवल, बीकानेर के उपलक्ष्य में आज वन विभाग वन्यजीव बीकानेर के द्वारा वन क्षेत्र जोडबीड गाढवाला कंजरवेशन रिजर्व में सुबह बर्ड वॉचिंग का कार्यक्रम रखा गया एवं गिद्ध क्षेत्र में फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
उप वन संरक्षक सुनील गौड़ ने बताया कि इसमें कई विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इसमें केन्द्रीय विद्यालय नं. 01, नवीन शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा वन क्षेत्र का भ्रमण कर फोटो प्रदर्शनी एवं बर्ड वांचिग को देखकर उत्साहित हुये एवं वन्यजीवों के बारे में विद्यार्थियों ने रोचक प्रश्न भी किये।
इस अवसर पर संभागीय मुख्य वन संरक्षक जयप्रकाश मूण्ड, रंगास्वामी ई. उप वन संरक्षक महेन्द्र कुमार कुमावत, उप वन संरक्षक एवं रामनिवास कुमावत, सेवानिवृत उप वन संरक्षक, डूंगर कॉलेज के प्रोफेसर एवं पक्षी विशेषज्ञ डॉ. प्रताप सिंह, चेतन मिश्रा, डॉ. जितेन्द्र सोलंकी एवं बीकानेर के कई पक्षी प्रेमियों ने वन्यजीव फोटो प्रदर्शनी एवं बर्ड वांचिग कार्यक्रम का अवलोकन किया गया तथा विद्यार्थियों को वन्यजीवों एवं पक्षियों के बारे में रोचक जानकारी प्रदान की । उन्होंने बताया कि इस समय कई पक्षी जैसे यूरेसियन ग्रीफन, हिमालयन ग्रीफन, सीनिरीयस स्टेपी ईगल, इजिशियन वल्चर आदि इसे रेप्टर लाईन बनाते है। फोटो प्रदर्शनी में आने वाले सभी विद्यार्थियों एवं ग्रामीण लोगों ने भ्रमण के दौरान पक्षियों एवं वन्यजीवों को देखकर उनके बारे में जानकारी प्राप्त की एवं अपनी जिज्ञासाओं को प्रश्न करके शान्त किया।
इस अवसर पर प्रोफेसर डॉ. प्रताप सिंह ने वर्तमान में जोडबीड रिजर्व क्षेत्र में तथा इसके आस-पास क्षेत्र में किए जा रहे वन्यजीव अनुसंधान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। चेतन मिश्रा रिसर्च स्कॉलर ने बताया कि यदि यहां कुत्तो की संख्या कम हो जाए तो और भी प्रकार के वल्चर यहां आ सकते है।
उप वन संरक्षक वन्यजीव डॉ. सुनील कुमार गौड ने बताया कि जोडबीड कंजरवेशन रिजर्व क्षेत्र बहुत सी जैव विविधता के लिए है तथा इसका एक विशाल क्षेत्रफल 5646 हैक्टेयर है जो इस सम्पूर्ण क्षेत्र के इकोसिस्टम को मजबूत करता है। उन्होंने पक्षी एवं वन्यजीवों के महत्व व उनके आवास के बारे में सारगर्भित जानकारी दी गई।
इस मौके पर वन विभाग वन्यजीव के सहायक वन संरक्षक बाबूलाल चौधरी, जोडबीड कंजरवेशन रिजर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय वन अधिकारी हरीराम दुधवाल, राजवीर सिंह, कपिल कुमार, सोफीन कोहरी, जगदीश लेघा, सुखपाली, श्रीमती उमेश पंवार सहित सम्पूर्ण वन विभाग का अमला उपस्थित था।
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