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बीकानेर मे पहली बार माली समाज मे बेटी कि बंदोली घोड़ी और गाजे बाजे के
साथ निकाली गई , इस दौरान उतने ही हर्ष और उलास के साथ दूल्हा और  दूल्हे
पक्ष भी शामिल हुए . अपनी बहू कि बंदोली देख सास ससुर ने कहा कि हमें
बेटियों के लिए समाज मे नई पहल करनी चाहिए. कोमोलिक सोलंकी सुपोत्री स्व.
ब्रह्मानंद सोलंकी, पुत्री रामचंद्र प्रेमलता सोलंकी की निकासी पुरानी
गिन्नानी से निकली गयी। बेटी के पिता रामचंद्र ने कहा की बेटी के जन्म से
इनकी बिंदोली निकालने का विचार किया। उनका मानना है की बेटियां सौभाग्य
से होती है।

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