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बीकानेर, अग्र वंश बीकानेर निवासी श्री दुष्यंत गुप्ता एवं डॉक्टर सुशीला गुप्ता के घर में जन्मी बचपन से लेकर स्नातकोत्तर शिक्षा बीकानेर में ली और शादी के बाद हैदराबाद निवासी गीता अग्रवाल को पारिवारिक विरासत के तौर पर लेखन कार्य में सदैव रुचि रही है! सोशल कार्य में रुचि रखते हुए सदैव सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी लेखनी की प्रतिभा को उजागर करती रही है! गीता अग्रवाल शिक्षक बीकानेर में और राजनीतिक शास्त्र में प्रवक्ता चंदौसी उत्तर प्रदेश में कार्य कर चुकी है साप्ताहिक समाचार पत्र रंगीला टाइम का संपादन अगर मंजूषा हैदराबाद मासिक पत्रिका में सह संपादक के साथ-साथ साहित्य रेखा दिल्ली की ओर से साहित्य शिरोमणि पुरस्कार विजेता रह चुकी है!

“दिल ने कहा..” काव्य संग्रह पुस्तक गीता अग्रवाल द्वारा लिखित पुस्तक ऑनलाइन मार्केटिंग अमेजॉन और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध है!

अपने प्रथम काव्य संकलन को पूजनीय सासू मां और ससुर को समर्पित करते हुए लिखा है की
बहू बनकर आई घर में पर बेटी का प्यार मिला…
अपना घर छोड़ दिया यहां सुंदर नया परिवार मिला..
दिल से निभाने वाले रिश्ते पारिवारिक सामंजस्य को सूझते बूझते वसुदेव कुटुंबकम भावना से ओतप्रोत उद्धार तक और लेखिका द्वारा परिवार के महत्व का मान रखते हुए काव्य संग्रह ‘दिल ने कहा’
में जहां भक्ति आस्था के विषय को स्थान दिया गया वहीं पुत्र-पुत्री असमानता जैसी सामाजिक कुरीतियों को भी काव्य संग्रह में पिरोया गया।
साथ साथ काव्य संग्रह में मकर संक्रांति, दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा, गुरु नानक देव जयंती, शरद ऋतु, अहोई माता, भैया दूज जैसे सनातन धर्म त्योहारों को मोतियों की तरह पिरोकर भारतीय संस्कृति को सर्वश्रेष्ठ उजागर करने की कोशिश की है।
देशभक्ति से लेकर दोस्ती तक के सफर में दिल को छू लेने वाले उदगार काव्य संग्रह को और भी रोचक ,अद्भुत बना गए।काव्य संग्रह के विभिन्न पहलुओं को देखा जाए तो लेखिका समाज के हर पहलू को महत्व देती हुई प्रतीत होती है। सभी रचनाएं ‘दिल ने कहा’ शीर्षक को यथार्थ रूप देती नजर आती हैं। हर पाठक को पढ़कर लगेगा कि उसके ही दिल की बात है। सहज सरल भाषा में लिखी गई पुस्तक मैं जीवन के अनमोल एक सौ मणियों को एक माला में पिरो कर “दिल ने कहा…” काव्य संग्रह को पाठकों के सम्मुख रखा है !कविताओं को शब्दावली इतनी सरल है कि सरलता से पाठक के दिल में उतर जाएगी। काव्य संग्रह मैं दोस्ती पर लेखिका ने लिखा मेरे दोस्त
“जब से तुम मेरी जिंदगी में आए ….
हमने दुनिया में नए मुकाम पाए हम….
हम तो न छिपा पाएंगे ..
दिल पर अंकित दोस्ती के निशान …
जब तक रहेगी जान …
जब तक रहेगी जान….

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