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बीकानेर,कोरोना आपदा के दो साल बाद इस बार दिवाली पर अच्छे कारोबार की उम्मीद लगाये बैठे पटाखा कारोबारियों के लिये दिल्ली से आई एक खबर ने हलचल मचा दी है। दरअसल दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय एक जनवरी तक सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाने के बयान के बाद बीकानेर के पटाखा कारोबार जगत में हलचल देखने को मिल रही है। जानकारी के रहे कि कोरोना आपदा के कारण बीते दो साल राजस्थान सरकार ने भी पटाखों के उत्पादन,बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। इसके कारण बीकानेर में पटाखा कारोबार जगत को करीब दस करोड़ से ज्यादा का नुकसान उठान पड़ा था। हालांकि राजस्थान में अभी तक इस तरह का कोई आदेश तो नहीं आया है, लेकिन पिछले साल भी अंतिम समय में सरकार ने ग्रीन पटाखों की ही अनुमति दी थी। बीकानेर फायर वक्र्स एसोसिएशन की मानें तो राजस्थान में फिलहाल ऐसे कोई हालात नहीं है जिससे पटाखों के उत्पादन,बिक्री और भंडारण पर रोक लगाई जाये। दो साल तो कोरोना का कहर था इसलिये रोक लगा गई थी । पटाखा कारोबारियों की मानें तो दिल्ली में लगी रोक का बीकानेर के पटाखा कारोबार पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। जानकारी में रहे कि बीकानेर में फुलझड़ी बनाने की चार फैक्ट्रियां है,इन फैक्ट्रियों में बनी फुलझडिय़ा राजस्थान,गुजरात,मध्य प्रदेश के कई जिलों में भेजी जाती है। इसके अलावा कई फैक्ट्रियों में सूतली के बम, सामान्य अनार और आतिशबाजी के कई छोटे मोटे आईटम बनाये जाते है। इसके अलावा बीकानेर में थोक और खुदरा तौर पर पटाखों को करीब बीस करोड़ से ज्यादा का सालाना कारोबार है ।

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