बीकानेर,रेबीज मुक्त बीकानेर अभियान के लिए अंतर विभागीय समन्वय समिति की बैठक स्वास्थ्य भवन सभागार में आयोजित हुई। बैठक में 2030 तक बीकानेर को रेबीज मुक्त जिला बनाने हेतु जयपुर से आए रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ एम एल सालोदिया की अध्यक्षता में गहन मंथन किया गया। डॉ सालोदिया ने विभाग वार की जाने वाले कार्य तथा जिम्मेदारियों का वर्गीकरण किया। उन्होंने बताया कि रेबीज के संबंध में जन जागरण तथा एंटी रेबीज वैक्सीन लगाने का कार्य स्वास्थ्य विभाग का है जबकि पेट्स का पंजीकरण, कुत्तों का बंध्यकरण एवं शहर से दूर करने का कार्य नगर निगम के जिम्मे है। इसी प्रकार पशु चिकित्सा विभाग तथा पशुपालन विभाग द्वारा कुत्तों व अन्य पालतू जानवरों के टीकाकरण व बंध्याकरण का कार्य किया जाना है। वन विभाग भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा क्योंकि रेबीज कुत्तों के अलावा बिल्ली, बंदर, भेड़िया आदि अन्य जानवरों से भी फैलता है।
सीएमएचओ डॉ मोहम्मद अबरार पंवार ने जानकारी दी कि रेबीज एक ऐसी भयावह बीमारी है जिसे होने के बाद मृत्यु सुनिश्चित है लेकिन वैक्सीन लगने पर इससे बचना भी सुनिश्चित है। उपायुक्त नगर निगम ने रेबीज नियंत्रण हेतु योजना बनाकर कार्यवाही करने की बात रखी जबकि पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ शिव प्रसाद जोशी ने रेबीज मुक्त बीकानेर हेतु तकनीकी विषय पर जानकारी दी। डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य तथा जिला रेबीज नियंत्रण नोडल अधिकारी डॉ लोकेश गुप्ता ने एआरवी वैक्सीन उपयोग तथा डॉग बाइट से बचाव के विषय में आवश्यक जानकारी दी। इस अवसर पर पीबीएम अस्पताल से डॉ गौरी शंकर जोशी, जिला फ्लोरोसिस सलाहकार महेंद्र जायसवाल, मेडिकल कॉलेज पीएसएम विभाग से डॉ वीरेंद्र पाल सिंह, वन विभाग से डॉ करण पुरोहित सहित अधिकारी मौजूद रहे।