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बीकानेर, बीकानेर थिएटर फेस्टिवल के तीसरे दिन रविवार को पांच नाटकों का मंचन हुआ। इसकी शुरूआत बीकानेर के सुरेश आचार्य के निर्देशित नाटक ‘फिर ना मिलेगी जिंदगी’ से हुई। इस नाटक का मंचन हंशा गेस्ट हाउस में हुआ। रविवार को ही रेलवे ऑडिटोरियम में जयपुर के रवि चतुर्वेदी द्वारा निर्देशित ‘आखिर इस मर्ज की दवा क्या है’, टाउन हॉल में जोधपुर के रमेश भाटी का ‘सफर’, रवीन्द्र रंगमंच पर बीकानेर के दिलीप सिंह द्वारा निर्देशित ‘कोर्ट मार्शल’ तथा टीएम ऑडिटोरियम में दिल्ली के श्याम कुमार द्वारा निर्देशित ‘कल्लू नाई एमबीबीएस’ का मंचन हुआ।
आयोजन समिति के सदस्य हंसराज डागा ने बताया कि तीसरे दिन रविवार होने के कारण बड़ी संख्या में दर्शकों ने इन नाटकों का लुत्फ उठाया। इस दौरान विभिन्न प्रदेशों की रंग संस्कृति बीकानेर के थिएटरों पर साकार हुई। रंगकर्मी अरुण व्यास, स्वाति व्यास और अमित तिवारी ने अभिनय कार्यशालाओं के दौरान अभिनय से जुड़ी बारीकियां सिखाई।
आयोजन समिति के सदस्य सुरेन्द्र धारणिया ने बताया कि सोमवार को छह नाटकों का मंचन होगा। इसकी शुरूआत हंशा गेस्ट हाउस में जयपुर के दिलीप भट्ट के लोक नाट्य ‘गोपीचंद भर्तहरि तमाशा’ से होगी। रेलवे ऑडिटोरियम में दोपहर 2 बजे जयपुर के राजदीप वर्मा के ‘बेबी’, सायं 4 बजे टाउन हॉल में देहरादून की जागृति सम्पूर्ण के ‘मंगलू’, सायं 5.45 बजे रविन्द्र रंगमंच पर दिल्ली के सईद आलम के ‘अकबर दा ग्रेट नहीं रहे’ तथा टीएम ऑटोरियम में रात्रि 8 बजे चंडीगढ़ के राजा सुब्रह्मण्यम और शिवम ढल्ल के ‘फिल्मिश का मंचन होगा। इसी प्रकार प्रातः 10 बहे होटल मिलेनियम में बाल नाटक ‘प्लेटफॉर्म नंबर 8’ का मंचन किया जाएगा।
*बोहरा को अर्पित किया निर्मोही नाट्य सम्मान*
आयोजन से जुड़े मधु सूदन अग्रवाल ने बताया कि इससे पहले रंगकर्मी अशोक जोशी और सतीश सालुंके के मध्य रंग संवाद का आयोजन हुआ। इसके पश्चात् जोधपुर के वरिष्ठ रंगकर्मी रमेश बोहरा को वर्ष 2022 का निर्मोही नाट्य सम्मान अर्पित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. नंद किशोर आचार्य और मालचंद तिवाड़ी थे। अनुराग कला केन्द्र के सचिव कमल अनुरागी ने बताया कि बोहरा को इक्कीस हजार रुपये नकद और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। फेस्टिवल के चौथे दिन वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ और हरीश बी. शर्मा के मध्य रंग संवाद होगा।

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