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बीकानेर,दुनिया में सर्वाधिक सूर्य की किरणें वर्ष भर पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर और जैसलमेर में क्षेत्र में पड़ती है। यह संसार में सवार्धिक सन्नी डेज वाला क्षेत्र हैं। राजस्थान में 150 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन प्रतिदिन होता है। राजस्थान सोलर जनरेशन में देश में तीसरे स्थान पर है। तीन साल में सौर ऊर्जा उत्पादन तीन गुणा बढ़ा है। सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए सरकार के स्तर पर आधारभूत सुविधाओं की कमी है। अन्यथा राजस्थान देश का सौर ऊर्जा उत्पादन में पहला राज्य बन सकता है। यह प्रमाणित है कि इस इलाके में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं है। भारत सरकार और राजस्थान सरकार की नीतियों में भी इस इलाके में सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। संभागीय आयुक्त पवन के. नीरज ने सौर पार्कों की प्रगति की समीक्षा की है जो इस बात का संकेत है कि सरकार सौर ऊर्जा के मामले में जागरूक हुई है। वैसे ये काम व्यावसायिक दृष्टि से प्राइवेट कंपनियों के भरोसे ही है।
बीकानेर में राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम, राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम, एनटीपीसी लिमिटेड और अन्य प्राइवेट डवलपर्स की ओर से ही सोलर पार्क विकसित किए जा रहे है। संभागीय आयुक्त ने राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के 925 मेगावाट के सोलर पावर और नोख सोलर पार्क की स्थिति की समीक्षा की है। इन प्रोजेक्ट के व्यवहारिक समस्या के समाधान के लिए निर्देश दिए है। वे खुद मानते है कि भारत में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान महत्व रखता है। इसमें बीकानेर की स्थिति महत्वपूर्ण है
समीक्षा के दौरान एज्यूर पावर लिमिटेड, रिन्यू पावर लिमिटेड, अयाना पावर लिमिटेड, महिंद्रा सस्तन लिमिटेड, एसबी, अदानी पावर लिमिटेड कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। संभागीय आयुक्त ने सभी इन कंपनियों के प्रतिनिधियों को हिदायत दी है कि वे सीएसआर मद से अपने प्रोजेक्ट क्षेत्र की ग्राम पंचायत, तहसील तथा बीकानेर जिले के पीबीएम अस्पताल को विकास राशि मुहैया करवाएं। सौर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ेगा तो प्रदेश विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा। वही सीएसआर की राशि से क्षेत्र का विकास भी होगा ही। जरूरत राजस्थान सरकार की ओर से सौर ऊर्जा उत्पादन में आधारभूत सुविधाओं के विकास की है। देखते हैं राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन में देश में पहले स्थान पर कब आता है।

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