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बीकानेर अब अपराधिक वारदातों से ‘सुपर क्रिटिकल’बन गया है। तीन मंत्रियों का जिला और पुलिस का भारी भरकम लवाजमा भी बीकानेर में अपराधिक वारदातों पर प्रभावी अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। बीकानेर में बढ़ते अपराधो को लेकर मंगलवार को पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने जिला पुलिस के अधिकारियों को तल्खी दिखाई। इससे पहले कैबिनेट मंत्री डॉ.बीडी कल्ला भी बीकानेर में हुई संगीन अपराधिक वारदातों को लेकर पुलिस अधिकारियों को सख्ताई बरतने के निर्देश दे चुके है। हालांकि महिलाओं से अत्याचार की रोकथाम पुलिस की प्राथमिकता है लेकिल विडम्बना है कि महिलाओं से यौनाचार के मामले में तो बीकानेर का नाम प्रदेश के टॉपटेन जिलों में शामिल हो चुका है। बीते साल के जनवरी से लेकर दिसम्बर तक आंकड़ों को देखा जाये जिले में हर दुसरे दिन दुष्कर्म और यौनाचार का केस दर्ज हुआ। सरेआम फायरिंग की वारदातों के कारण बीकानेर का माहौल लगातार दशहत में रहा। चोरी और लूट की वारदातों का सिलसिला भी लगातार जारी रहा है। ऐसे में पुलिस अब बीते साल का अपराधिक रिकॉर्ड भी उजागर करने से बच रही है। हालांकि जिले में हत्याओं का आंकड़ा ज्यादा नहीं है कि लेकिन दिल दहला देने वाली जानलेवा हमलों की वारदातें होने लगी है। रंजिश के चलते होने वाली खूनी वारदातों के कारण आमजन का पुलिस से भरोसा कमजोर पड़ता जा रहा है। हालांकि पुलिस ने ऑपरेशन व्रज और प्रहार के जरिये हथियार और मादक पदार्थ सप्लायरों पर प्रभावी शिंकजा कसा लेकिन इनके सरगनाओं तक नहीं पहुंच पायी। ऐसे में बीते साल भर के आंकड़ों पर गौर करें तो बीकानेर में शांतिप्रिय शहर नहीं रहा है। जिले में हर पांचवें दिन एक चोरी,हर तीसरे दिन रेप और हर रोज धोखाधड़ी का केस दर्ज हो रहा है। बढ़ती आपराधिक घटनाओं से पुलिस के सुरक्षा और गश्त के दावों की पोल खुल रही है। पुलिस की गश्त कमजोर होने से दिन-दहाड़े वारदातें हो रही है, जिससे कानून व्यवस्था बेपटरी हो रही है। लोगों को पुलिस से विश्वास उठ रहा है। पुलिस की लापरवाही के कारण ही बदमाशों के हौसले बढ़ रहे हैं।

-सरेआम होने लगी फायरिंग
कुछ साल पहले तक बीकानेर में फायरिंग की वारदात कभी कभार ही होती,लेकिन पिछले कुछ सालों से पुलिस की नाकामी के कारण अपराधियों के बढ़े हौंसलों के कारण आये दिन फायरिंग होने लगी है। बीते माह सरेआम हुई फायरिंग की एक वारदात में बदमाशों ने बाईक पर जा रहे निर्दोष युवक को अपना निशाना बना लिया । गनीमत रही कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके उसकी जान बचा ली। कुचीलपुरा इलाके में हुई इस वारदात में हथियारों से लैस बदमाश किसी ओर को निशाना बनाना चाहते थे,लेकिन गोली निर्दोष युवक के जा लगी। इसी तरह बीते साल नया शहर इलाके में बदमाशों की फायरिंग से नाबालिग पंकज आचार्य की जान चली गई। भुट्टों के बास में आपसी रंजिश के चलते बदमाशों में कई दफा फायरिंग हो चुकी है। शहर ही नहीं ग्रामीण इलाकों में भी अपराधी तत्व सरेआम फायरिंग की दहशत फैला रहे है। सूत्रों के अनुसार बीकानेर में आये दिन होने वाली फायरिंग की वारदातों के पीछे सबसे बड़ी वजह अवैध हथियार है। सूत्रों के अनुसार बीकानेर जिले में लाईसेंसशुदा हथियारों से कई गुना ज्यादा अवैध हथियार है। जिले में अपराध जगत के कई नामी अपराधी अवैध हथियार लिये घुमते है।

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