बीकानेर,प्रदेश में आबकारी के बाद सर्वाधिक राजस्व देने वाले परिवहन विभाग को दिए गए वसूली लक्ष्य में बीकानेर ने फिर बाजी मारी है। बीकानेर ने प्रदेश के 11 प्रादेशिक परिवहन कार्यालयों को पछाड़ते हुए सर्वाधिक वसूली कर पहला स्थान बनाया है। जबकि दूसरे नंबर पर सीकर रहा है। बीकानेर जिले को इस वित्तीय वर्ष में अप्रेल से सितम्बर तक 97.57 लाख का लक्ष्य मिला था। जिसके मुकाबले 84.06 लाख वसूल कर नंबर वन रहा है। प्रदेश मुख्यालय ने कर वसूली करने वाले जिलों की रैंकिंग जारी की है। रैंकिंग में बीकानेर पहले तो जोधपुर सबसे निचले पायदान पर रहा है। गौरतलब है कि 11 जिलों को सरकार की ओर से 1184.59 लाख का लक्ष्य मिला था, जिसमें से 843.01 लाख वसूल किए जा चुके हैं।
मार्च की रैंकिंग में भी बीकानेर रहा था अव्वल
बीकानेर प्रादेशिक परिवहन विभाग मार्च, 22 की रैंकिंग में भी 11 जिलों को पछाड़ते हुए पहले नंबर पर रहा था। उस दरम्यान 92.04 के लक्ष्य के विपरीत 83.85 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाकर 92.74 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया। वहीं भरतपुर दूसरे और पाली तीसरे नंबर पर रहा था। जबकि इस बार भरतपुर एक पायदान फिसल कर तीसरे और सीकर दूसरे नंबर पर काबिज हुआ है।
भारी वाहनों से मिलता है राजस्व
परिवहन विभाग को सबसे अधिक राजस्व भारी वाहनों से मिलता है। राजस्व दो प्रकार का होता है। एक वन टाइम टेक्स जो कारों व अन्य वाहनों से मिलता है। जो एक साथ जमा होता है। दूसरा, नोन वन-टाइम टैक्स जैसे ओवरलोड वाहन, वाहनों का बकाया कर आदि जिसे प्रादेशिक परिवहन कार्यालय को वूसल करना होता है। बीकानेर जिले में 8800 भार वाहक वाहन है। इससे सालाना 23 करोड़ रुपए का टैक्स विभाग में जमा होता है। इसे वसूलने के लिए विभाग समय-समय पर विशेष अभियान चलाता है।
उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन में टीम के सहयोग से राजस्व अर्जित कर बीकानेर को प्रदेश में नंबर वन बनाया है। राजस्व वसूली के लिए आगे भी बेहतर प्रयास किए जाएंगे। नेमीचंद पारीक, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी बीकानेर। प्रदेश की स्थिति
जिला लक्ष्य अर्जित
बीकानेर 97.57 82.02
सीकर 94.23 78.74
भरतपुर 54.61 43.16
अजमेर 104.78 81.22
दौसा 35.57 27.04
जयपुर 215.27 158.75
चितौड़गढ़ 83.67 59.37
पाली 82.41 56.42
उदयपुर 111.86 71.54
कोटा 67.17 41.83
अलवर 84.50 51.91
जोधपुर 152.95 91.01
अप्रेल से सितम्बर 2022 तक का लक्ष्य और अर्जन