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बीकानेर, के सांप्रदायिक सौहार्द की पूरे विश्व में मिसाल दी जाती है, यहां की साझा संस्कृति अनूठी है तथा सर्वधर्म सद्भाव का यहां जीवंत रूप देखने को मिलता है। ये विचार वक्ताओं ने शनिवार को मौलाना आज़ाद मिल्ली शिक्षण संस्थान और राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में रामपुरा बस्ती में आयोजित ‘बीकानेर की साझा संस्कृति’ विषयक राजस्थानी संगोष्ठी में रखे।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पूर्व महापौर हाजी मकसूद अहमद ने कहा कि बीकानेर में सैकड़ों वर्ष से सांप्रदायिक सद्भाव की महान परंपरा रही है। यहां के निवासी सभी धर्माें के त्योहार मिलजुलकर मनाते हैं। आवश्यकता इस बात की है कि हम बीकानेर की अनूठी संस्कृति को कायम रखें और देश की सेवा में सर्वस्व न्यौछावर कर दें। उन्होंने शायर अजीज आज़ाद की ग़ज़ल- ‘मेरा दावा है सब जहर उतर जाएगा, तुम मेरे शहर में दो दिन तो ठहर कर देखो’ और लक्ष्मीनारायण रंगा की कविता- ‘बीकानेर की संस्कृति सबका साझा सीर, दाऊजी मेरे देवता, नौगजा मेरे पीर’ सुनाईं।
कथाकार व अकादमी सचिव शरद केवलिया ने कहा कि अलमस्त शहर बीकानेर के भाईचारे, सांस्कृतिक-साहित्यिक-धार्मिक वैभव की महिमा का बखान देश-प्रदेश में किया जाता है। कोरोना आपदा के समय बीकानेर के सभी धर्मांे के समाज-सेवियों ने जरूरतमंदों की हरसंभव मदद की। ‘बीकानेरियत’ की भावना हमें एक सूत्र में बांधे रखती है। उन्होंने साहित्यकार डाॅ. मदन केवलिया द्वारा रचित कविता की दो पंक्तियां- ‘हिन्दू, मुसलमां, सिखों के दिलोें का, मिलन देखना हो तो देखो बीकानेर’ सुनाईं। बीकानेर चर्च कमेटी के सदस्य आशीष बरनवास ने कहा कि हम पूरे विश्व को अपना परिवार मानें और मुश्किल वक्त में एक-दूसरे की मदद करें। सामाजिक कार्यकर्ता आशा नैनवाल ने कहा कि वे उत्तराखंड की मूल निवासी हैं व गत 25 वर्षों से बीकानेर में रह रही हैं। उन्होंने यहां जैसा प्रेमभाव व सेवाभाव कहीं नहीं देखा।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्थान के सचिव डाॅ. मिर्जा हैदर बेग ने कहा कि सभी धर्म आपस में प्रेम करना सिखाते हैं और बीकानेर के सांप्रदायिक सद्भाव की खुशबू सारे संसार में फैली हुई है। हाजी फख्रूद्दीन बेग ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर शाहिना तंवर, फरजाना बानो, केशव जोशी, कान सिंह, मो. अरमान, सोहेल खान, रवीन्द्र कुमार, साहिल मिर्जा, रीता शर्मा, दीपशिखा, इंदू सहित बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

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