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बीकानेर, बीकानेर में नगर विकास न्यास (यू.आई.टी.) के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का पेच फंसता जा रहा है। इसकी सबसे खास वजह दावेदारों के नामों की फेहरिस्त लंबी होने के साथ-साथ दिग्गज नेताओं के वर्चस्व की लड़ाई भी मानी जा रही है। हालांकि, सब जानते हैं कि अध्यक्ष वहीं बनेगा जिस पर सी.एम. अशोक गहलोत का हाथ’ होगा।

बहरहाल, यू.आई.टी. अध्यक्ष पद के लिए दावेदारों ने अपनी सारी ताकत झोंक रखी है। जयपुर से दिल्ली तक फील्डिंग तेज कर दी है। पहले खबर यह थी कि दो-तीन नामों के पैनल में से किसी एक के नाम पर अंतिम मुहर लग सकती है, लेकिन ताजा खबर यह आ रही है कि अब भी कुछ नेताओं आ से बायोडाटा मांगा जा रहा है। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने तो इस आशय की एक पोस्ट सोशल मीडिया पर चस्पा भी कर दी है। इससे यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि अध्यक्ष पद के लिए जोर आजमाइश का दौर अभी समाप्त नहीं हुआ है।

नियुक्ति को लेकर शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला की प्रतिष्ठा भी दाव पर है। हाल में हुई राजनीतिक नियुक्तियों में डॉ. कल्ला के करीबी नेताओं को अवसर नहीं मिल सका है। ऐसे में माना जा रहा है कि डॉ. कल्ला अब दूसरी सूची में अपने चहेते नेताओं को अवसर दिलाने में एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। अध्यक्ष पद के लिए वैश्य, समाज से रमेश कुमार अग्रवाल ( कालु बडी, कन्हैयालाल झंवर, दिलीप बांठिया, अल्पसंख्यक वर्ग से गुलाम मुस्तफा बाबू भाई, मोहम्मद हारून राठौड़,अब्दुल मजीद खोखर, जिया उर रहमान आरिफ, साजिद सुलेमानी, इकबाल समेजा तथा पंजाबी समाज से अरविंद मिडढा के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं। राजनीतिक आ विश्लेषकों की माने तो अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस उस चेहरे पर ही अपना ‘हाथ’ रखेंगी जो चुनाव में वोटों के समीकरणों के लिहाज से पार्टी के हित में बैठता हो। इसके अलावा उसकी छवि और सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में योगदान को भी बता दें कि अध्यक्ष पद की परखा जा सकता है।

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