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बीकानेर,संभाग मुख्यालय बीकानेर आजादी के बाद पहली बार पूरे पावर में है। इसे बीकानेर से कभी मुख्यमंत्री नहीं बन पाने की कमी की भरपाई मानी जा सकती है। कांग्रेस के तीन विधायक तीनों ही केबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। वैसे राजस्थान की राजनीति में बीकानेर की अपनी जगह रही है। मानिक चंद सुराणा,भीम सेन चौधरी की राजनीति में अपनी पैठ थी। डा बुलाकी दास कल्ला और देवी सिंह भाटी कद वाले नेता है। गहलोत सरकार में डा कल्ला को पूरा मान सम्मान दिया गया है। कल्ला राजनेता के साथ साथ प्रबुद्ध व्यक्ति भी है। शिक्षा उनके जीवन से जुड़ा विषय भी है। कल्ला को शिक्षा एव कला, साहित्य संस्कृति मंत्री बनाकर राजस्थान के हित में निर्णय किया है। कल्ला के आने से सरकार शिक्षा के क्षेत्र में प्रभावी व अच्छा काम होने की उम्मीद है। भंवर सिंह भाटी के तीन साल के उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में कार्यकाल को जादूगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संतोषजनक मानकर ओहदा बड़ा कर दिया है। अब उम्मीद की जा सकती है की बीकानेर सौर ऊर्जा हब बन जाएगा। भाटी के राजनीतिक कैरियर में यह बड़ा प्रमोशन है। गोविंद मेघवाल में राजनीतिक दक्षता ( स्किल) है। उनको आपदा प्रबंधन का काम केबिनेट पद के साथ सौंपा गया है। वे राजनीतिक कैरियर का बेहद कुशलता से इस पद के माध्यम से प्रबन्धन करने में सक्षम है। बीकानेर के समग्र विकास के प्रति ये मंत्री कितने संवेदनशील रह पाते हैं यह तो उनके कार्यों से ही पता चल सकेगा । इनका ध्येय जन हित, बीकानेर का समग्र विकास रहेगा या चहेतों की संतुष्टि ?

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