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बीकानेर,प्रदेश भाजपा की कार्य प्रणाली का आकलन राजस्थान में हुए उप चुनावों के परिणाम से स्पष्ट है। परिणामों के आधार पर आलोचनाओं की कोई गुंजाइश ही नहीं बची है। भाजपा संगठन की कार्य प्रणाली का प्रदेश और राष्ट्रीय संगठन को निचले स्तर का प्रमाण चाहिए तो बीकानेर देहात अध्यक्ष तारा चन्द सारस्वत की संगठन गतिविधियों का आकलन कर लो। तस्वीर साफ हो जाएगी। पार्टी ने सारस्वत को जिले का देहात अध्यक्ष बनाया है। जिले के देहात संगठन में उनकी भूमिका को लेकर पार्टी के लोग ही सवाल उठा रहे हैं। बताया जा रहा है कि उनका ध्यान श्रीडूंगरगढ़ तक ही सीमित है। वे श्रीडूंगरगढ़ से भाजपा की टिकट से चुनाव लड़े थे और हर गए। अब भी वे केवल श्रीडूंगरगढ़ पर ही पूरा ध्यान दे रहे हैं। उनकी देहात अध्यक्ष के रूप में श्रीकोलायत व खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र संगठन की गतिविधियों का आकलन करके देख लीजिए। वे कितनी बार गए हैं ? नोखा औऱ लूणकरणसर में भाजपा विधायक नहीं हो तो संगठन सिमट गया होता। ये तो भला हो दोनों युवा विधायकों का जो पार्टी की गतिविधिया दिखाई देती है। देहात अध्यक्ष तो केवल कार्यक्रमों में शरीक होने जाते हैं। संगठन को लेकर कोई बड़ा कदम उठाया हो तो बताया जा सकता है। अभी भाजपा के हल्ला बोल अभियान में शहर भाजपा ने तो शानदार प्रदशर्न किया और ज्ञापन भी दिया। देहात के महामंत्री अन्य लोगों के साथ आकर ज्ञापन दिया और अभियान की इतिश्री कर दी।। बीकानेर संभाग मुख्यालय है। सात विधान सभा सीटों में से तीन भाजपा विधायक हैं। यहां से भाजपा के केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी है। भाजपा राजस्थान में गुटों में बंटी है। पार्टी के देहात अध्यक्ष की गतिविधियों से बीकानेर में पार्टी संगठन की तस्वीर जान सकते हैं। इन हालातों का प्रतिबिंब ही तो उप चुनावों के परिणाम है।

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