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बीकानेर,नवरात्रा महोत्सव के साथ ही शुरू हुए त्यौहारी सीजन में जुएबाजी के ठिकाने भी गुलजार हो गये है। इन ठिकानों पर देर रात तक जुआरियों का जमावड़ा लगा रहता है और लाखों के दाव लगते है। हालांकि एसपी योगेश यादव ने जिले में जुएबाजी की रोकथाम के लिये कड़े निर्देश दे रखे है इसके बावजूद शहर के कई इलाकों में जुएबाजी के ठिकाने चल रहे है। जुएबाजी के इन ठिकानों पर सिर्फ बीकानेर ही बल्कि आस पास के गांवों कस्बों और नागौर से भी बड़ी तादाद जुआरी दाव लगाने आ रहे है। स्टेशन रोड़ की कई होटलें तो जुआरियों के पुख्ता ठिकाने बनी हुई है। इसके अलावा रामपुरा बस्ती, मुक्ता प्रसाद कॉलोनी, हसनैन चैरिटेबल ट्रस्ट के पास रानी बाजार के राजीव मार्केट, भिश्तियों का मौहल्ला,चौपड़ा कटला, सुभाषपुरा, पवनपुरी समेत ऐसे अनेक इलाके है जहां बड़े स्तर पर जुएबाजी के ठिकाने चल रहे है। जानकारी में दिवाली की सीजन बीकानेर में जुएबाजी का टॉप सीजन रहता है। इस सीजन में न सिर्फ बीकानेर शहर बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी जमकर जुआ खेला जाता है। खास बात ये है कि पुलिस को जुआरियों के बारे में पूरी जानकारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यह भी खुलासा हुआ है कि शहर में कोचरों का चौक, बिन्नाणियों का चौक और मोहल्ला चूनगरान,मोहता चौक, जस्सूसर गेट तो जुआरियों के सुरक्षित ठिकाने बने हुए है। जुआ जगत से जुड़े सूत्रों के अनुसार जुएबाजी का सबसे बड़ा ठिकाना फिलहाल रांगड़ी चौकी की एक बंद गली में नामी क्रिकेट बुकी के घर और पुरानी जेल रोड़ पर भी एक पुराने ठिकाने पर जुएबाजी चल रही है। जयपुर-बीकानेर बाईपास का एक फार्म हाउस भी नामी जुआरियों का सबसे बड़ा ठिकाना बना हुआ है, जहां बीकानेर के कई सफेदपोश जुआरी दाव लगाने पहुंंचते है। हालांकि बीकानेर में जुएबाजी का चलन खासा पुराना है लेकिन चिंता की बात ये है कि जुआरियों की इस भीड़ में कई युवा भी शामिल हो जाते हैं, जो जुएबाजी की लत से अपना भविष्य तबाह कर रहे है।

निगरानी के लिये लगा रखे सीसीटीवी कैमरें
बीकानेर में चल रहे जुएबाजी के ठिकानों की पड़ताल में पता चला है कि बड़े जुआरियों ने पुलिस कार्यवाही से बचने के लिये अपने ठिकानों पर हाईटेक सीसीटीवी कैमरे लगा रखे है,इसके अलावा ठिकानों के आस पास इनके गुर्गे निगरानी के लिये मुस्तैद रहते है। जो पुलिस के साथ हर आने जाने वाले पर पैनी नजर रखते है। कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आते ही ठिकाने पर बैठे जुआरियों को अलर्ट कर देते है। इतना ही नहीं नामी जुआरियों ने तो जुएबाजी के बपंर सीजन को देखते हुए होटलों में कमरें बुक करवा रखे है। जहां दाव लगाने के लिये आने वाले जुआरियों को सुरक्षा के साथ हर तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। यहां तक नगदी खत्म होने पर फाईनेंस पर रकम उपलब्ध करवा देते है।

घोड़ी का है ज्यादा चलन
बीकानेर के जुआ जगत में घोड़ी यानी पासे का सबसे ज्यादा चलन है। इसके अलावा तीन पत्ती, अंदर बाहर, झंडी मंडी समेत जुएबाजी के ऐसे कई फंडे है जिन पर लाखों रूपये के दाव लगते है। पड़ताल में यह भी सामने आया है कि जुएबाजी के ज्यादात्तर ठिकाने जुआ माफिया और फाईनेंस मिल कर चलाते है। इनमें कई हवाला कारोबारी भी शामिल है।

बीकानेर में सक्रिय है बड़ा गिरोह
जानकारी के अनुसार बीकानेर शहर में जुआ माफियाओं का एक बड़ा गिरोह सक्रिय है, इस गिरोह के माफियाओं ने ही शहर में जुएबाजी के ज्यादात्तर ठिकानों की कमान संभाल रखी है और पुलिस कार्यवाही से बचने के लिये यह अपने ठिकानों की जगह बदलते रहते है। पिछले दिनों इन माफियाओं ने कोटगेट सब्जी मंडी की एक बिल्डिंग को जुएबाजी का ठिकाना बनाया था,लेकिन पुलिस कार्यवाही की भनक लगने के बाद अपना ठिकाना बदल लिया। यह भी पता चला है कि जुआ माफियाओं की जमात में शहर के नामी अपराधी और मादक पदार्थ तस्कर भी शामिल है। इसलिये बीकानेर की जुएबाजी अपराध जगत की सबसे खतरनाक कॉकटेल बन चुकी है।

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