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बीकानेर,रीट पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर जयपुर में मंगलवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के विशाल विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया सहित अन्य कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियों के विरोध में आज बुधवार को बीकानेर शहर भाजपा द्वारा गांधी पार्क, सर्किट हाउस के सामने शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना देते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया ।

धरने के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर मुखर होते हुए एक स्वर में पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक किए गए लाठीचार्ज और गिरफ्तारी की घटना को निंदनीय करार देते हुए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की ।

कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि रीट पेपर लीक मामले के तार राजीव गाँधी स्टडी सर्किल से होते हुए स्वयं मुख्यमंत्री से जुड़े हैं। नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री को इस्तीफ़ा देना चाहिए और युवाओं को न्याय देने के लिए मामले की जांच सीबीआई को सौंप देनी चाहिए ।

सिंह ने कहा कि नकल मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर जयपुर में सिविल लाईन फाटक से पहले ही कार्यकर्ताओं पर बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज कर दिया गया जिसमें काफी संख्या में कार्यकर्ता एवं महिला कार्यकर्ता गम्भीर रूप से जख्मी हुए हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को दमनकारी नीति अपनाने की बजाय शांति से उनकी बात सुनकर ज्ञापन लेना चाहिए था मगर सरकार ने लोकतंत्र की आवाज को डंडे, गोली और वाटर कैनन से दबाने का प्रयास किया जो अति निंदनीय है।

देहात जिलाध्यक्ष ताराचंद सारस्वत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित एसओजी ने भी पेपर को लीक मानते हुए धडाधड गिरफ्तारियां और छापेमारी की है। उन्होंने कहा कि अब इस सरकार की विदाई का वक्त आ चुका है भाजपा कार्यकर्ता अब इस नाकारा और दमनकारी सरकार के खिलाफ शांत नहीं बैठेंगे तथा सड़क से विधानसभा तक सरकार की ईंट से ईंट बजाने का कार्य करेंगे ।

प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कि उच्च स्तर पर सरकारी संरक्षण के बिना पेपर लीक जैसा कुकृत्य संभव नहीं है योजनाबद्ध ढंग से अपने निजी लोगों को कोऑर्डिनेटर बनाकर और महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देकर संगठित गिरोह के द्वारा यह पेपर लीक करवाकर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ की गई है ।

डॉ. आचार्य ने कहा कि शिक्षा बोर्ड से बर्खास्त किए गए अध्यक्ष का खुद का बयान है कि उच्च स्तर पर सरकारी संरक्षण के बिना यह काण्ड संभव नहीं है लेकिन अपने को महात्मा गांधी जी का अनुयायी बताने वाले मुख्यमंत्री गहलोत इस घटना पर मौन हैं और अभी भी केवल बयान दे रहे हैं की इस परीक्षा को रद्द करने में उन्हें सिर्फ दो मिनट लगेंगे ।

प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मुमताज अली भाटी ने कहा कि नकल मामले की पूरी चैन पकड़ी जाने और अब तक 36 गिरफ्तारियों के बावजूद भी सरकार इस परीक्षा को सही मान रही है जो की शर्मनाक है।

महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने कहा कि इस नक़ल मामले में लाखों निष्पक्ष युवाओं के साथ धोखा किया गया है तथा पिछले कई वर्षों से सम्पूर्ण नेटबंदी के बावजूद भी प्रतियोगी परीक्षाओं में नक़ल रोक पाने में यह सरकार विफल हुई है।

जिला महामंत्री मोहन सुराणा ने कहा कि रीट पेपर की प्रतियाँ प्रिन्ट होकर बंटना, करोड़ों रुपए का सौदा होना और ब्लूटूथ चप्पल काण्ड के उजागर होने के बाद भी कांग्रेस सरकार द्वारा इस परीक्षा को सही और सफल मानना अफसोसजनक है।

जिला महामंत्री अनिल शुक्ला ने कहा कि इस सरकार ने न केवल रीट परीक्षा-2021 अपितु तमाम परीक्षाओं में घोटाला किया है जिसके जिम्मेदार स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं और सरकार बड़े मगरमच्छों को बचाने में लगी हुई है। गहलोत को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए और मामले की जांच सीबीआई को सौंपनी चाहिए।

जिला उपाध्यक्ष अशोक प्रजापत ने कहा कि भाजपा के तथ्यात्मक विरोध और पक्के सबूत बताये जाने के बाद भी परीक्षा को पवित्र साबित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अपने लोगों को बचाने के लिए समय के साथ नित नए बयान जारी किए गए ।

नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने लाखों बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। रीट परीक्षा-2021 की जाँच सीबीआई से करानी चाहिए तथा इनके मंत्री जिन्होंने ये घोटाला किया है, सभी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष वेद व्यास ने कहा कि भाजयुमो कार्यकर्ता शांतिपूर्ण अपना ज्ञापन देने के लिए मुख्यमंत्री निवास की ओर जा रहे थे परन्तु कांग्रेस सरकार द्वारा अपनी विफलता छिपाने और अपने मंत्रियों के संरक्षण के लिए गहलोत ने युवाओं पर लाठीचार्ज कराया।

धरने के दौरान डॉ. सुषमा बिस्सा, कौशल शर्मा, विजय उपाध्याय, मो. रमजान अब्बासी, देवकिशन मारू, नरसिंह सेवग, मुकेश ओझा, सुमन छाजेड इत्यादि ने भी विचार व्यक्त करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार संघर्ष का आह्वान किया ।

जिला मंत्री और मीडिया प्रभारी मनीष आचार्य ने बताया कि लाठीचार्ज और गिरफ़्तारी की घटना के विरोध में प्रदेश की तानाशाही, भ्रष्ट और निरंकुश राज्य सरकार के खिलाफ भाजपा का विरोध प्रदर्शन 03 फरवरी से 08 फरवरी के बीच भी जारी रहेगा और इस दौरान पार्टी के विभिन्न मोर्चों द्वारा जिला केन्द्रों पर एक दिन का धरना-प्रदर्शन किया जाएगा ।

किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष श्यामसुंदर चौधरी ने बताया कि इस घटना के विरोध में गुरुवार, 03 फरवरी को अपरान्ह 12.00 बजे किसान मोर्चा बीकानेर शहर द्वारा जिला कलेक्टर कार्यालय के आगे मुख्यमंत्री का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा ।

कार्यक्रम का संचालन जिला उपाध्यक्ष अशोक प्रजापत ने किया एवं अन्त में जिला उपाध्यक्ष गोकुल जोशी ने सभी का आभार व्यक्त किया ।

धरने में शहर जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह, देहात अध्यक्ष ताराचंद सारस्वत, महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, मुमताज अली भाटी, जिला महामंत्री मोहन सुराणा, अनिल शुक्ला, जिला उपाध्यक्ष अशोक प्रजापत, गोकुल जोशी, सुषमा बिस्सा, पूर्व न्यास अध्यक्ष महावीर रांका, जिला मंत्री और मीडिया प्रभारी मनीष आचार्य, जिला मंत्री कौशल शर्मा, मंडल अध्यक्ष नरसिंह सेवग, मुकेश ओझा, विनोद करोल, चंद्र प्रकाश गहलोत, जेठमल नाहटा, कमल आचार्य, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष वेद व्यास, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष सुमन छाजेड, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष श्यामसुंदर चौधरी, एस.सी. मोर्चा जिलाध्यक्ष सोहनलाल चांवरिया, डॉ. अशोक मीणा, विजय उपाध्याय, मो. रमजान अब्बासी, देवकिशन मारू, देवीलाल मेघवाल, जसराज सिंवर,भंवरलाल जांगिड़, नरेश मोट, अरविंद चारण, सुरेश भसीन, शिखरचंद डागा, महावीर मारू, मो. हुसैन डार, संपत पारीक, मनोज पुरोहित,सरस्वती बिश्नोई, पूर्वा चांडक, सरिता नाहटा, प्रेम गहलोत, धर्मेंद्र सिंह सोलंकी, विजय कुमार शर्मा, डॉ. सिद्धार्थ असवाल, सांगीलाल गहलोत, कमल गहलोत, रघुनाथ सिंह शेखावत, उमाशंकर सोलंकी, रघुवीर प्रजापत, विमल पारीक,श्रवण सिंह सांखला, भवानी पाईवाल, अनिल हर्ष मूलचंद नायक, दीपाराम नायक, हेमराज जाजड़ा, गजेंद्र सिंह भाटी, जितेंद्र गहलोत, अभय पारीक, संजय गुप्ता, दीपक यादव, शिव बच्छ, अन्नपूर्णा स्वामी इत्यादि कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

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