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बीकानेर,बीकानेर बार एसोसिएशन एक भद्दा मजाक बन कर रह गया है जहां आपसी प्रेम व भाईचारा इस कदर था कि पूरे राजस्थान में चर्चा थी और अब दो फाड़ बन गया है सीनियर अधिवक्ता अपनी जिद पर अड़े हुवे है बार एसोसिएशन चुनाव का महत्त्व ही खत्म हो गया है एक समय था जब एक बार एसोसिएशन थी ,उसकी अपनी ताकत थी ,चुनाव का कई महीने पहले से ही चाव लग जाता था और जब चुनाव होता तब पूरे पांच दिन बीकानेर के सीनियर अधिवक्ता जूनियर अधिवक्ता को फोन करते ,चेम्बर में बुलाकर बात करते और दिन भर चहल पहल ओर गहमागहमी । फिर परिणाम का बड़ी उत्सुकता से इंतजार और हार जीत के बाद सब अपने अपने काम पर लग जाते ।पूरे साल भर में कई कार्यक्रम होते लेकिन फिलहाल बीकानेर बार एसोसिएशन के दो फाड़ हो चुके है और वो भी कुछ सीनियर अधिवक्ता की वजह से । में ये नही कहता कि कौन गलत है कौन सही है लेकिन में ये भी नही कहता कि दोनों ही ग्रुप सही है । तब गलती दोनों तरफ से है लेकिन गलती इतनी बड़ी भी नही है कि हम बैठ कर सुलझा नही सकते । अगर बीकानेर बार एसोसिएशन के 20 सीनियर अधिवक्ता आपस मे साथ बैठकर मामला सुलझाना चाहे तो ये मामला मात्र दो घण्टो में सुलझ भी सकता है लेकिन सिर्फ अपने ईगो के चलते बीकानेर बार एसोसिएशन को बर्बाद करने पर तुले है ।या फिर 10 सदस्य अधिवक्ता कमेटी बना दी जाए जिसमे 5 सीनियर व 5 जूनियर अधिवक्ता हो और निष्पक्ष हो और उनका फैसला सभी स्वीकार करे । कुछ रोज पहले एक बार एसोसिएशन के निर्विरोध चुनाव हुवे ओर किशन सांखला अध्यक्ष बने और आज फिर दूसरे ग्रुप के चुनाव हुवे उसमें बिहारी सिंह राठौर निर्विरोध अध्यक्ष बने है लेकिन इन दोनों ही चुनावो में चंद वकीलों के अलावा किसी का कोई इंटरेस्ट नही दिखाई दिया । शिवलाल गोदारा  बीकानेर बार एसोसिएशन का सदस्य होने के नाते बीकानेर बार के सीनियर अधिवक्तागण से अनुरोध करता हु की समय रहते इस मसले को सुलझाए व बीकानेर बार की फिर से गरिमा बनाने का प्रयास करे

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