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बीकानेर,खराब खान-पान का असर लोगों की किडनी पर पड़ रहा है। किडनी के मरीजों की संख्या हर वर्ष बढ़ रही है। पीबीएम अस्पताल के डायलिसिस यूनिट के आंकड़े बताते हैं कि जिले में किडनी रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। चार साल में किडनी के मरीज तीन गुना बढ़ गए हैं। वर्ष 2016 में सालभर में 8856 मरीजों की डायलिसिस की गई थी जबकि गतवर्ष करीब 12 हजार लोगों की डायलिसस की गई। इससे स्पष्ट होता है कि जिले में किडनी के मरीज डेढ़ गुना हो गए हैं। साढ़े छह सालों में यहां 72 हजार 612 मरीजों की डायलिसिस की जा चुकी है। बीकानेर की डायलिसिस यूनिट प्रदेश में जयपुर के बाद सबसे बड़ी यूनिट हैं।

37 मशीनें और 55 मरीज
मुख्य डायलिसिस यूनिट व एसएसबी में कुल 37 डायलिसिस मशीने लगी हैं, इनमें से पांच अत्याधुनिक तकनीकी फैजिनेस 5008 एस मशीन शामिल हैं। यूनिट में हर दिन 55 से 60 मरीजों की डायलिसिस की जाती है। यूरो डायलिसिस यूनिट प्रभारी शोभा शर्मा के नेतृत्व में नर्सिंगकर्मी श्रवण पाण्डे, वासुदेव शर्मा, कृष्णा, शेरखान, रविकांत, सुरेश महला सहित अन्य कार्मिक कार्यरत हैं।

एसएसबी में नई यूनिट शुरू

एसपी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में नई वातानुकूलित डायलिसिस यूनिट शुरू हुई है। यूनिट में 15 नई मशीने लगाई गई है। यूनिट के लिए अत्याधुनिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया गया है। यहां पर प्रतिदिन 15 मरीजों की डायलिसिस होती है। यहां वार्ड का प्रभारी गौतम शर्मा एवं शर्मिला, मनेाज, सागर, कुलदीप, पप्पुराम व रामेश्वर को लगाया गया है।

लिफ्ट खराब, मरीज परेशान
सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में डायलिसिस वार्ड को फर्स्ट फ्लोर पर शुरू किया गया है। यहां पर लिफ्ट बंद पड़ी है। ऐसे में मरीजों को सीढि़यों से वार्ड में जाना पड़ता है। डायलिसिस मरीजों के लिए पैदल चलना मुश्किल होता है ऐसे में लिफ्ट बंद होने से उन्हें सीढि़यों से वार्ड में जाना पड़ रहा है, जिससे उनकी हालत खराब हो रही है। एसपी मेडिकल कॉलेज एवं एसएसबी प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा। इसके अलावा चिरंजीवी योजना की प्रक्रिया जटिल होने एवं कर्मचारियों के लिए एक ही काउंटर होने के कारण मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ता है।

एक नजर में …

– यूरोलॉजी विभाग में मुख्य डायलिसिस यूनिट
– 22 डायलिसिस मशीनें हैं यहां

– 15 मशीने एसएसबी यूनिट में
– एक मरीज की डायलिसिस प्रक्रिया चलती है साढ़े तीन घंटे कम से कम

– दो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
– 24 घंटे मुख्य डायलिसिस यूनिट में डायलिसिस की सुविधा

– हर दिन 60 मरीजों की डायलिसिस
– 10 स्थायी व 10 अस्थायी स्टाफ

साल-दर-साल यूं बढ़ रहे मरीज

2016 – 8856
2017 – 10200

2018 – 10258
2019 – 12051

2020 – 9949
2021 – 11998

2022 – 9307
इनका कहना है
किडनी के मरीज हर साल बढ़ रहे हैं। पहले जहां हर दिन पांच-सात मरीजों की डायलिसिस होती थी वहीं अब यह आंकड़ा 55 से 60 तक पहुंच गया है। मरीजों के हितार्थ मुख्य डायलिसिस यूनिट में आपातिस्थति में 24 घंटे मरीजों को डायलिसिस करने की सुविधा है। एसएसबी में फिलहाल एक शिफ्ट ही चालू हैं।

राजेन्द्र बेनीवाल, मुख्य प्रभारी, डायलिसिस यूनिट पीबीएम
इनका कहना है…
एसएसबी में नई यूनिट चालू की गई है, जिसमें 15 नई मशीनों और लगाई गई है। साथ ही एक अत्याधुनिक वाटर ट्रीट मेंट प्लांट चालू किया गया है। यहां हर दिन 15 मरीजों का डायलिसिस किया जा रहा है। पीबीएम में हर दिन 55 से 60 मरीजों की डायलिसिस की जा रही है। दावा है कि जयपुर के बाद बीकानेर की डायलिसिस यूनिट सबसे बड़ी हैं। यूनिट में मरीजों के लिए और बेहतर उपचार की व्यवस्था की जा रही है।

डॉ. जितेन्द्र फलोदिया, विभागाध्यक्ष नेफ्रोलॉजी एसपी मेडिकल कॉलेज

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